टेस्ला की ऑटोपायलट तकनीक को लेकर लंबे समय से सवाल उठते रहे हैं, लेकिन इस बार मामला अदालत तक पहुंच गया. 2019 में फ्लोरिडा के लार्गो शहर में टेस्ला की मॉडल S कार एक SUV से टकरा गई, जिसमें 22 वर्षीय युवती की जान चली गई. चार साल लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया कि इस हादसे के लिए केवल ड्राइवर नहीं, बल्कि टेस्ला की ऑटोपायलट प्रणाली भी दोषी है. अब कंपनी को भारी भरकम मुआवजा देना होगा.
दरअसल, साल 2019 में जब यह हादसा हुआ, उस वक्त कार ऑटोपायलट मोड में चल रही थी. गाड़ी अचानक सामने से आ रही SUV से टकरा गई, जिससे मौके पर ही नाइबेल बेनावाइड्स नाम की युवती की मौत हो गई और उसका बॉयफ्रेंड डिलन एंगुलो गंभीर रूप से घायल हो गया. इस घटना ने टेस्ला की ड्राइवरलेस टेक्नोलॉजी की विश्वसनीयता पर गहरे सवाल खड़े कर दिए.
2021 में मृतका के परिवार ने टेस्ला पर केस दर्ज किया. आरोप था कि कंपनी ने ऑटोपायलट सिस्टम में मौजूद खामियों को छिपाया और हादसे से जुड़े वीडियो व डेटा को नष्ट कर दिया. हालांकि कोर्ट ने डेटा नष्ट करने के आरोप खारिज किए, लेकिन तकनीकी खामी के आधार पर कंपनी को दोषी माना है.
टेस्ला ने कोर्ट में यह तर्क दिया कि हादसे के समय ड्राइवर फोन पर व्यस्त था और उसने सड़क पर ध्यान नहीं दिया, इसलिए वह पूरी तरह से जिम्मेदार है. लेकिन अदालत ने माना कि टेस्ला का ऑटोपायलट सिस्टम समय पर ब्रेक नहीं लगा सका और सेंसर सामने आती SUV को पहचान नहीं पाए. यानी तकनीकी गड़बड़ी भी इस दुर्घटना की अहम वजह बनी.
जूरी ने चार साल की सुनवाई के बाद फैसला सुनाया कि हादसे की पूरी जिम्मेदारी ड्राइवर पर नहीं डाली जा सकती. टेस्ला की तकनीक में खामियां थीं, और उसे इससे इंकार करने का अधिकार नहीं है. कोर्ट ने कंपनी को पीड़ित परिवार को 243 मिलियन डॉलर का मुआवजा देने का आदेश दिया.
फैसले के बाद टेस्ला ने प्रतिक्रिया दी कि यह निर्णय ऑटोमोबाइल टेक्नोलॉजी के विकास को पीछे धकेल देगा. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, “यह फैसला गलत है. इससे न केवल टेस्ला, बल्कि पूरी इंडस्ट्री में सेफ्टी टेक्नोलॉजी पर असर पड़ेगा. ड्राइवर ने हादसे की जिम्मेदारी पहले ही स्वीकार की थी, फिर भी तकनीक को दोषी ठहराया गया.”
यह फैसला टेस्ला के लिए एक कानूनी और प्रतिष्ठा से जुड़ा झटका है. ऑटोपायलट तकनीक पर पहले भी कई बार सवाल उठे हैं, लेकिन इस मामले में कंपनी को कानूनी रूप से दोषी ठहराया गया है. इससे न केवल टेस्ला, बल्कि अन्य सेल्फ-ड्राइविंग टेक कंपनियों पर भी दबाव बढ़ेगा कि वे अपनी तकनीकों को और सुरक्षित बनाएं. पीड़ित परिवार ने इस फैसले को न्याय की जीत बताया और उम्मीद जताई कि यह अन्य पीड़ितों के लिए भी रास्ता खोलेगा.