नई दिल्लीः जी 20 देशों के शिखर सम्मेलन के लिए मेहमानों को भेजे गए राष्ट्रपति के उस निमंत्रण पत्र पर विवाद छिड़ गया है जिसमें 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' की जगह 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' लिखा गया है.आपको बता दें भारत शब्द इंडिया का हिंदी नाम है. इस मुद्दे को पूरी दुनिया की मीडिया ने अपनी रिपोर्टों में जगह दी है. इस बीच टाइम मैगजीन ने इस मसले पर कहा कि यह सारा विवाद कुछ हिंदू राष्ट्रवादियों के कारण हो रहा है.
क्या लिखा जानिए
टाइम मैनजीन ने लिखा कि भारत दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाला देश है, साथ ही सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है.टाइम मैगजीन ने लिखा कि अपनी रिपोर्ट में आगे लिखा कि 9 से 10 सितंबर के बीच होने वाले जी 20 देशों के शिखर सम्मेलन की मेजबानी के अलावा भारत ने हाल ही में सूर्य और चंद्र मिशन में ऐतिहासिक कामयाबी हासिल की है.
बीबीसी की रिपोर्ट में पुष्टि नहीं
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कुछ समय पहले कहा कि हम इंडिया शब्द का इस्तेमाल करते हैं ताकि अंग्रेजी बोलने वाले इसे समझ सकें. आप दुनिया के किसी भी हिस्से में जाएं इस देश का नाम भारत ही रहेगा. उनके इस बयान की सोशल मीडिया और कई भाजपा नेताओं ने सराहना की है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक,इस बात की अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है कि सरकार नाम बदलने पर विचार कर रही है.
औपनिवेशिक अतीत से छुटकारा
इस विवाद पर वाशिंगटन डी.सी. साउथ एशिया इसंटीट्यूट के डायरेक्टर माइकल कुगेलमैन कहते हैं कि भाजपा की मोदी सरकार भारत को औपनिवेशिक अतीत से दूर करने के प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में उनके नेताओं ने विभिन्न सड़कों के नामों को बदला है. मोदी सरकार औपनिवेशिक अतीत और उससे जुड़ी चीजों को धीरे-धीरे बदल रही है.
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