Video: ताइवान ने निकाली चीन की हवा, आंखों में आंख डालकर कर डाला कुछ ऐसा कि देखता रह गया ड्रैगन

Taiwan: ताइवान की सेना ने मंगलवार को कृत्रिम रूप से युद्ध जैसे माहौल का निर्माण करके अभ्यास किया. इस अभ्यास में सेना ने दुश्मन के कब्जे वाली इमारतों को फिर से अपने नियंत्रण में लेने के लिए लड़ाकू हेलीकॉप्टरों, पैराट्रूपर्स, सैनिकों और टैंकों का उपयोग किया.

Social Media
Gyanendra Tiwari

Taiwan: ताइवान की सेना ने हाल ही में एक विशेष सैन्य अभ्यास किया, जिसमें आर्टिफिशियल तरीके से युद्ध जैसे हालात बनाए गए. इस अभ्यास का उद्देश्य द्वीप की रक्षा की क्षमताओं को मजबूती प्रदान करना था. इस अभ्यास में ताइवान की सेना ने दुश्मन के कब्जे वाली इमारतों को पुनः अपने नियंत्रण में लेने के लिए विभिन्न युद्ध उपकरणों का उपयोग किया, जिनमें बख्तरबंद वाहन, हमलावर हेलीकॉप्टर, पैराट्रूपर्स, और टैंक शामिल थे.

लड़ाकू हेलीकॉप्टरों और टैंकों का उपयोग करके किया अभ्यास

इस अभ्यास में ताइवान की सेना ने लड़ाकू हेलीकॉप्टरों का उपयोग किया, जो दुश्मन के ठिकानों पर हमले के लिए पूरी तरह से तैयार थे. इसके अलावा, पैराट्रूपर्स और सैनिकों ने जमीनी स्तर पर युद्ध की रणनीति का अभ्यास किया. इन सभी के बीच टैंकों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही, जो जमीन पर होने वाले हमलों को मजबूती प्रदान करने के लिए उपयोग किए गए.

CM-11 और M1A2T अब्राम टैंक से ताइवानी सेना ने दिखाई गरज

ताइवान की सेना वर्तमान में CM-11 टैंकों का संचालन कर रही है, जो एक पुराना लेकिन प्रभावशाली मॉडल है. हालांकि, इन टैंकों को धीरे-धीरे अमेरिका से खरीदी गई M1A2T अब्राम टैंकों से रिप्लेस किया जाएगा. इन नई 108 यूनिट्स के आने से ताइवान की सैन्य ताकत में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है, क्योंकि M1A2T अब्राम टैंक अत्याधुनिक तकनीक से लैस हैं और युद्ध की आधुनिक चुनौतियों का मुकाबला करने में सक्षम हैं.

ताइवान का यह सैन्य अभ्यास विशेष रूप से द्वीप की रक्षा को लेकर एक मजबूत संदेश देने के लिए था. इसने न केवल ताइवान की सैन्य क्षमताओं को परखा, बल्कि यह भी प्रदर्शित किया कि ताइवान अपनी रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार है. इन अभ्यासों के माध्यम से ताइवान ने यह सुनिश्चित किया कि उसकी सेना युद्ध के किसी भी संभावित संकट का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से सक्षम है.

ताइवान की सेना द्वारा किए गए इस आर्टिफिशियल युद्ध अभ्यास ने न केवल सेना की तकनीकी क्षमताओं को साबित किया, बल्कि द्वीप की रक्षा के लिए उसकी तैयारी को भी और मजबूत किया. आने वाले समय में इन अभ्यासों की मदद से ताइवान अपने रक्षा बलों को और अधिक सक्षम बना सकता है, ताकि किसी भी बाहरी खतरे का प्रभावी ढंग से सामना किया जा सके.