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'आपको अच्छे से पता है न...', ताइवान को लेकर मोदी ने दिखाई 'दरियादिली', तो भड़का चीन

Taiwan congratulates Modi: ताइवान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ने नरेंद्र मोदी को लोकसभा चुनाव में जीत की बधाई दी. बदले में मोदी ने ताइवान के राष्ट्रपति को धन्यवाद कहा. इतना कहने पर ही चालाबाज चीन को मिर्ची लग गई.

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Edited By: India Daily Live
Taiwan congratulates Modi
Courtesy: Social Media

Taiwan congratulates Modi: लोकसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले NDA को मिली जीत के बाद ताइवान के राष्ट्रपति ने नरेंद्र मोदी को बधाई संदेश भेजा. बधाई संदेश के जवाब में नरेंद्र मोदी ने ताइवान के राष्ट्रपति को धन्यवाद कहा. ताइवान के राष्ट्रपति और नरेंद्र मोदी के बीच हुई इतनी सी बातचीत के बाद चालबाज चीन भड़क गया. 

चीनी विदेश मंत्रालय ने हाल ही में नरेंद्र मोदी को आम चुनाव में मिली जीत की बधाई दी थी. जब ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने नरेन्द्र मोदी को बधाई दी, तब उन्होंने भी 'दरियादिली' दिखाते हुए लाई को थैक्यू बोल दिया. इसके बाद चीनी विदेश मंत्रालय ने लाई चिंग-ते और मोदी के बीच संदेशों के आदान-प्रदान पर विरोध जता दिया.

पिछले महीने ताइवान के राष्ट्रपति चुने गए थे लाई

लाई पिछले महीने ताइवान के राष्ट्रपति चुने गए थे. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि प्रधानमंत्री @narendramodi को उनकी चुनावी जीत पर मेरी हार्दिक बधाई. हम तेजी से बढ़ती #ताइवान-#भारत साझेदारी को बढ़ाने, व्यापार, प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में अपने सहयोग का विस्तार करने के लिए तत्पर हैं, ताकि #भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति और समृद्धि में योगदान दिया जा सके. 

लाई के इस मैसेज का जवाब देते हुए मोदी ने कहा कि आपके गर्मजोशी भरे संदेश के लिए @चिंग-ते लाई को धन्यवाद. मैं पारस्परिक रूप से लाभकारी आर्थिक और तकनीकी साझेदारी की दिशा में काम करते हुए और भी घनिष्ठ संबंधों की आशा करता हूं.

चीन बोला- ताइवान क्षेत्र में 'राष्ट्रपति' जैसी कोई चीज नहीं

गुरुवार को मीडिया ब्रीफिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने मोदी और लाई के बीच बातचीत पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सबसे पहले, ताइवान क्षेत्र के 'राष्ट्रपति' जैसी कोई चीज नहीं है. उन्होंने कहा कि जहां तक ​​आपके सवाल का जबाव देने की बात है, चीन ताइवान के अधिकारियों और चीन के साथ राजनयिक संबंध रखने वाले देशों के बीच सभी तरह की आधिकारिक बातचीत का विरोध करता है. दुनिया में सिर्फ़ एक चीन है. ताइवान पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के क्षेत्र का एक अविभाज्य हिस्सा है.

माओ ने कहा कि भारत ने इस पर गंभीर राजनीतिक प्रतिबद्धताएं जताई हैं और उसे ताइवान के अधिकारियों की राजनीतिक गणनाओं को पहचानना, चिंतित होना और उनका विरोध करना चाहिए. चीन ने इस बारे में भारत के समक्ष विरोध जताया है. माओ ने कहा कि भारत के चीन के साथ राजनयिक संबंध हैं. चीन ताइवान के अधिकारियों और चीन के साथ राजनयिक संबंध रखने वाले देशों के बीच सभी प्रकार की आधिकारिक बातचीत का विरोध करता है. यह स्थिति बहुत स्पष्ट है और भारत इसे अच्छी तरह से जानता है.