India Pakistan Relations: पाकिस्तान ने करतारपुर कॉरिडोर की सफलता के बाद हिंदुओं और जैन धर्मावलंबियों के लिए भी एक समान गलियारा खोलने की पेशकश की है. सिंध प्रांत के पर्यटन मंत्री जुल्फिकार अली शाह ने कहा है कि उनका देश उमरकोट और नगरपारकर में एक धार्मिक गलियारा बनाने के लिए तैयार है, जहाँ अनेक ऐतिहासिक हिंदू और जैन मंदिर स्थित हैं.
यह प्रस्ताव पाकिस्तान द्वारा धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और भारत के साथ संबंधों को बेहतर बनाने की दिशा में एक कदम माना जा रहा है. करतारपुर कॉरिडोर, जिसे 2019 में खोला गया था, ने पाकिस्तान में स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर साहिब के लिए सिख तीर्थयात्रियों की यात्रा को आसान बना दिया है.
उमरकोट: यहां स्थित श्री शिव मंदिर, जिसे सिंध के सबसे पुराने हिंदू मंदिरों में से एक माना जाता है, 2,000 साल से भी अधिक पुराना माना जाता है.
नगरपारकर: यह क्षेत्र कई प्राचीन जैन मंदिरों के लिए जाना जाता है, जो जैन धर्म के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल हैं.
धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा: यह गलियारा भारत और अन्य देशों से बड़ी संख्या में हिंदू और जैन तीर्थयात्रियों को आकर्षित कर सकता है, जिससे पाकिस्तान के पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा.
सांस्कृतिक आदान-प्रदान: यह गलियारा दोनों देशों के लोगों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा और आपसी समझ को बेहतर बनाने में मदद करेगा.
क्षेत्रीय शांति: यह पहल क्षेत्र में शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने में योगदान दे सकती है.
सुरक्षा: आतंकवाद और हिंसा के खतरे को देखते हुए, तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना एक महत्वपूर्ण चुनौती होगी.
राजनीतिक इच्छाशक्ति: इस पहल को सफल बनाने के लिए दोनों देशों की ओर से मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति की आवश्यकता होगी.
आधारभूत ढांचा: तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए उमरकोट और नगरपारकर में बेहतर आधारभूत ढांचे की आवश्यकता होगी.
पाकिस्तान की ओर से हिंदुओं और जैनियों के लिए करतारपुर जैसा गलियारा खोलने की पेशकश भले ही एक सकारात्मक कदम है लेकिन यह महज आइडिया मात्र लगता है, क्योंकि दोनों देशों के राजनीतिक संबंध बेहद खराब हैं.