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Pakistan Mutiny: लाल मस्जिद से गूंजा बगावत का नारा, देखें कैसे मौलाना अब्दुल अजीज ने खोल दी पाकिस्तान की पोल? VIDEO

Pakistan Mutiny: इस्लामाबाद की लाल मस्जिद के इमाम, अब्दुल अजीज गाजी ने वहां मौजूद लोगों से हाथ उठाने को कहा, जो भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान का समर्थन करना चाहते थे, लेकिन भीड़ में एकदम सन्नाटा छा गया.

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Edited By: Ritu Sharma
Pakistan Mutiny
Courtesy: Social Media

Pakistan Mutiny: पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद की लाल मस्जिद के इमाम मौलाना अब्दुल अज़ीज गाजी ने हाल ही में एक ऐसा बयान दिया, जिसने पाकिस्तानी हुकूमत की चूलें हिला दी हैं. एक वीडियो में मौलाना मस्जिद में मौजूद लोगों से सवाल करते हैं, ''जो लोग भारत-पाक युद्ध में पाकिस्तान का साथ देना चाहते हैं, हाथ उठाएं.'' लेकिन हैरान कर देने वाली बात ये रही कि किसी ने भी हाथ नहीं उठाया.

'बहुत कम हैं जो पाकिस्तान के साथ हैं'

वहीं जवाब में मौलाना ने कहा, ''बहुत कम लोग हैं, इसका मतलब है कि अब बहुत से लोग समझदार हो चुके हैं.'' उनका कहना था कि पाकिस्तान अपने ही मुसलमानों पर बम गिराता है, जबकि भारत ने न तो लाल मस्जिद को निशाना बनाया और न ही वजीरिस्तान को.

पाकिस्तान खुद अपने लोगों का दुश्मन

बता दें कि मौलाना गाजी ने आगे कहा, ''भारत में मुसलमानों पर उतना जुल्म नहीं होता जितना पाकिस्तान में होता है. हमारे देश में फौज खुद अपने लोगों को बम से उड़ाती है. इंडिया ऐसा नहीं करता.'' उन्होंने ये भी जोड़ा कि यह युद्ध मजहब का नहीं, बल्कि समुदाय का है'' वहीं पैगंबर ने कहा है कि 'समुदाय के लिए जंग लड़ो.''

गायब होते लोग, डर में जीते नागरिक

गाजी का आरोप था कि पाकिस्तान सरकार और सेना बलूचों, पश्तूनों, पीटीआई समर्थकों, धार्मिक मौलवियों और पत्रकारों को जबरन गायब करवा रही है. “क्या भारत में लोग ऐसे गायब होते हैं जैसे पाकिस्तान में हो रहे हैं?” – मौलाना का यह सवाल अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

बगावत की चिंगारी बनी आग

अब इसको लेकर पश्तून, बलूच और इमरान खान समर्थक इस मौके को फौज के खिलाफ बगावत की शुरुआत मान रहे हैं. दशकों से अमेरिका और पश्चिमी ताकतों के लिए छद्म युद्ध लड़ रही पाकिस्तानी सेना अब अपने ही लोगों के गुस्से का सामना कर रही है.

नतीजा क्या होगा?

इसके अलावा, पाकिस्तान में जिस लाल मस्जिद पर एक वक्त बम गिराए गए थे, वहीं से अब फौज और सत्ता के खिलाफ जंग का ऐलान हो चुका है. क्या यह बगावत की शुरुआत है या फिर एक और कुर्बानी? वक्त बताएगा.