इटली के वैज्ञानिकों ने एक ऐतिहासिक सफलता हासिल की है. उन्होंने प्रकाश को "जमाकर" उसे एक दुर्लभ अवस्था में बदल दिया है, जिसे सुपरसॉलिड कहते हैं. यह पदार्थ की ऐसी स्थिति है जिसमें ठोस जैसी संरचना और बिना रुकावट बहने की क्षमता एक साथ मौजूद होती है. यह खोज हाल ही में 'नेचर' पत्रिका में प्रकाशित हुई है और इसे क्वांटम भौतिकी में एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है. इससे भविष्य में क्वांटम कंप्यूटिंग और ऑप्टिकल तकनीकों में क्रांति आ सकती है.
सुपरसॉलिड प्रकाश क्या है?
प्रकाश को ठोस में कैसे बदला?
यहां पारंपरिक जमाने का मतलब तापमान कम करके तरल को ठोस बनाना नहीं है. वैज्ञानिकों ने क्वांटम तकनीकों का इस्तेमाल कर प्रकाश को सुपरसॉलिड अवस्था में लाया. इसके लिए उन्होंने एक सेमीकंडक्टर प्लेटफॉर्म तैयार किया, जो फोटॉन (प्रकाश कणों) को उसी तरह नियंत्रित करता है जैसे कंडक्टर में इलेक्ट्रॉन व्यवहार करते हैं.
🚨🇮🇹SCIENTISTS TURN LIGHT INTO A SUPERSOLID—QUANTUM PHYSICS JUST GOT EVEN WEIRDER
— Mario Nawfal (@MarioNawfal) March 11, 2025
For the first time ever, scientists have frozen light into a supersolid—a state of matter that’s both solid and a frictionless superfluid at the same time.
Physicists Gianfrate and Nigro pulled… https://t.co/2fQybThar7 pic.twitter.com/wyAtndNndW
टीम ने गैलियम आर्सेनाइड से बनी एक संरचना का उपयोग किया, जिसमें सूक्ष्म रिज (उभरे हुए हिस्से) बनाए गए थे. इसके बाद एक लेजर की मदद से हाइब्रिड प्रकाश-पदार्थ कण उत्पन्न किए गए, जिन्हें पोलारिटॉन कहते हैं. जैसे-जैसे फोटॉन की संख्या बढ़ी, वैज्ञानिकों ने सैटेलाइट कंडेनसेट्स का निर्माण होते देखा. यह एक खास पैटर्न था, जो सुपरसॉलिड अवस्था का संकेत देता था. इन कंडेनसेट्स में एक समान ऊर्जा थी, लेकिन विपरीत वेवनंबर थे, जिससे एक अनोखी स्थानिक संरचना बनी और सुपरसॉलिड की पुष्टि हुई. वैज्ञानिकों ने बताया, "शून्य के करीब तापमान पर क्वांटम प्रभाव दिखाई देने लगते हैं. यह प्रकाश में सुपरसॉलिडिटी को समझने की सिर्फ शुरुआत है."
इस खोज का महत्व
इस खोज का असर क्वांटम तकनीक के क्षेत्र में बहुत बड़ा हो सकता है. सुपरसॉलिड प्रकाश क्वांटम कंप्यूटिंग के लिए जरूरी क्वांटम बिट्स (क्यूबिट्स) को अधिक स्थिर बनाने में मदद कर सकता है. इसके अलावा, प्रकाश को इस तरह नियंत्रित करने की क्षमता ऑप्टिकल उपकरणों, फोटोनिक सर्किट्स और क्वांटम मैकेनिक्स के बुनियादी शोध को बदल सकती है. वैज्ञानिकों का मानना है कि भविष्य में इस तकनीक को और बेहतर किया जा सकेगा, जिससे सुपरसॉलिड प्रकाश को अधिक नियंत्रित और स्थायी रूप से बनाया जा सकेगा.
भविष्य की संभावनाएं
यह सफलता न केवल वैज्ञानिकों के लिए एक नया रास्ता खोलती है, बल्कि तकनीकी विकास के लिए भी नई उम्मीदें जगाती है. प्रकाश को ठोस रूप में बदलने का यह प्रयोग क्वांटम भौतिकी की समझ को गहरा कर सकता है और आने वाले समय में कई नए आविष्कारों का आधार बन सकता है. वैज्ञानिक अब इस दिशा में और शोध करने की योजना बना रहे हैं, ताकि इस खोज को व्यावहारिक रूप से उपयोग में लाया जा सके. यह खोज साबित करती है कि प्रकृति के नियमों को समझने और उन्हें अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करने की मानव की क्षमता कितनी असीम है.