रोमानिया के एयर स्पेस में एक रूसी ड्रोन की घुसपैठ ने पूर्वी यूरोप में तनाव को और बढ़ा दिया है. इधर, रोमानिया के रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की कि मॉस्को द्वारा यूक्रेन पर हमले के बाद यह ड्रोन सीमा पार से घुस आया था. इस घटना के बाद रोमानिया ने शनिवार देर रात अपने दो F-16 लड़ाकू विमानों को ड्रोन का पीछा करने के लिए तैनात किया. ड्रोन को रोमानियाई गांव चिलिया वेचे के पास रेडार पर देखा गया, लेकिन बाद में यह रेडार से गायब हो गया. यह घुसपैठ ऐसे समय में हुई है जब रूस ने यूक्रेनी बंदरगाहों पर नए सिरे से हमले शुरू किए हैं, जिससे क्षेत्रीय युद्ध का खतरा बढ़ गया है.
अभी हाल ही में पोलैंड के एयर स्पेस में 19 रूसी ड्रोनों की घुसपैठ ने नाटो को अनुच्छेद 4 लागू करने के लिए मजबूर किया था. पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने कहा, “पश्चिमी यूक्रेन पर हमले के बीच 19 रूसी ड्रोन सीमा पार कर गए थे, जिससे हमारा देश द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे गंभीर संघर्ष की स्थिति में पहुंच गया.”
पोलैंड में हुई थी रूसी घुसपैठ
नाटो के लड़ाकू विमानों ने चार ड्रोनों को मार गिराया, जबकि सात ड्रोन जमीन पर पाए गए. पोलैंड ने शनिवार को फिर दावा किया कि उसने रूसी ड्रोनों का मुकाबला करने के लिए विमान और हेलीकॉप्टर तैनात किए. टस्क ने चेतावनी दी, “हमें सतर्क रहना होगा.”
नाटो और रूस के बीच बढ़ता टकराव
यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार नाटो और रूस के बीच सीधा टकराव देखा गया है. हालांकि, क्रेमलिन ने इन ड्रोनों को रूसी होने से इनकार किया और दावा किया कि इन्हें कीव ने लॉन्च किया था. इस बीच, नाटो देशों ने बार-बार अपने लड़ाकू विमानों को तैनात किया है, जिससे इलाके में सैन्य तनाव बढ़ रहा है. पोलैंड और रोमानिया जैसे पूर्वी यूरोपीय देश अब युद्ध के फैलने की आशंका से जूझ रहे हैं.
क्षेत्रीय स्थिरता पर मंडरा रहा खतरा
रूसी ड्रोनों की लगातार घुसपैठ और नाटो की जवाबी कार्रवाइयों ने पूर्वी यूरोप में शांति और स्थिरता पर सवाल खड़े किए हैं. यह स्थिति वैश्विक मंच पर भी चिंता का विषय बन रही है.