Nuclear war in America: इजरायल और हमास जंग के बीच साइंटिफिक अमेरिकन मैगजीन की एक रिपोर्ट में अमेरिका पर परमाणु बम के खतरे के विनाशकारी परिणाम को बताया गया है. अगर सिर्फ अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (Intercontinental ballistic missile) से निशाना बनाया जाए . ये रिपोर्ट अमेरिका के लिए चिंताजनक है. परमाणु विस्फोट से निकलने वाले रेडियोएक्टिव पार्टिकल्स की चपेट में आने से अमेरिका के 30 करोड़ लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है.
साइंटिफिक अमेरिका की रिपोर्ट के अनुसार परमाणु हमले के खतरे पर किए गए अध्ययन में यह सुझाव दिया गया है कि हमले की स्थिति में ICBM साइलो को प्राथमिकता दी जा सकती है. ये साइलो कोलोराडो, मोंटाना, नेब्रास्का, नॉर्थ डकोटा और व्योमिंग में स्थित हैं. इन अमेरिकी राज्यों में जनसंख्या घनत्व बहुत ही कम है लेकिन हवा के पैटर्न के कारण रेडियोएक्टिव पार्टिकल्स तेज से फैलते हैं.
वैज्ञानिकों ने सभी 450 icbm साइलो पर एक साथ हमला करने वाले 800 किलोटन हथियार के परिणाम का आकलन करने के लिए 2021 के मौसम विभाग के डाटा का सहारा लिया. इसमें उन्होंने सबसे खराब स्थिति के बारे में बताते हुए कहा कि उत्तरी मेक्सिको और कनाडा के आबादी वाले क्षेत्रों के निवासियों के साथ-साथ अमेरिका के 48 राज्यों की 90 प्रतिशत आबादी परमाणु विस्फोट से निकले रेडियोएक्टिव पार्टिकल्स की चपेट में आ सकती है.
वैज्ञानिकों ने बताया कि अगर परमाणु विस्फोट से कुछ पहले अमेरिकी नागरिकों को सूचना मिल जाती है और लोग सुरंगों में खुद को छिपा भी लेते हैं और 4 दिन तक खुद को शेल्टर में रखते हैं तो भी कुछ करोड़ लोगों की जान जा सकती है. लेकिन अगर शरण नहीं मिली तो कई गुना जानें जा सकती है. हवा के अप्रत्यक्षित पैटर्न अमेरिकी के पूरी जनसंख्या के साथ जनसंख्या घनत्व वाले कनाडा के लोगों की जान रिस्क में डाल सकती है. साइंटिफिक अमेरिकन मैगजीन की रिपोर्ट के मुताबिक कुल मिलाकर परमाणु विस्फोट के खतरे से 30 करोड़ लोगों की जान सकती है.