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शशि थरूर और पत्रकार बेटे के बीच हुआ सवाल-जवाब, Video में देखिए यूएस में पिता-पुत्र की रोचक मुलाकात

शशि थरूर विदेश नीति और भारत की रणनीतिक स्थिति पर चर्चा कर रहे थे. इस दौरान, वाशिंगटन पोस्ट के लिए वैश्विक मामलों के कॉलम लिखने वाले उनके बेटे ईशान थरूर भी दर्शकों में मौजूद थे. जब सवाल-जवाब का दौर शुरू हुआ तो भीड़ से एक परिचित आवाज गूंजी.

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Edited By: Gyanendra Sharma
 Shashi Tharoor
Courtesy: Social Media

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर अपनी वाकपटुता और विदेश नीति पर गहरी समझ के लिए जाने जाते हैं. हाल ही में अमेरिका में एक अनोखी स्थिति में फंस गए. एक हाई-प्रोफाइल ब्रीफिंग के दौरान, जहां वह विदेश नीति विशेषज्ञों, राजनयिकों और पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे उनके अपने बेटे ईशान थरूर ने उनसे एक तीखा सवाल पूछ लिया. 

शशि थरूर संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि रह चुके हैं एक बहुदलीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए अमेरिका में हैं. वहां वह विदेश नीति और भारत की रणनीतिक स्थिति पर चर्चा कर रहे थे. इस दौरान, वाशिंगटन पोस्ट के लिए वैश्विक मामलों के कॉलम लिखने वाले उनके बेटे ईशान थरूर भी दर्शकों में मौजूद थे. जब सवाल-जवाब का दौर शुरू हुआ तो भीड़ से एक परिचित आवाज गूंजी. यह आवाज थी ईशान की, जिसने अपने पिता से एक गंभीर और संवेदनशील सवाल पूछा.

शशि थरूर ने हंसते हुए स्थिति को संभाला और मजाक में कहा, "यह नहीं होना चाहिए था. यह मेरा बेटा है! उनकी इस प्रतिक्रिया ने वहां मौजूद सभी लोगों को हंसी से भर दिया. 

ईशान का सवाल और थरूर का जवाब

ईशान ने अपने पिता से हाल ही में हुए पहलगाम हमले के संदर्भ में एक सवाल पूछा. उन्होंने जानना चाहा कि क्या भारतीय सरकार के वार्ताकारों ने इस हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता के सबूत मांगे थे. यह सवाल न केवल भारत-पाकिस्तान संबंधों की जटिलता को दर्शाता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति को भी रेखांकित करता है.

शशि थरूर ने इस सवाल का जवाब अपनी खास शैली में दिया. उन्होंने कहा, भारत ने बिना पुख्ता सबूतों के ऑपरेशन सिंदूर शुरू नहीं किया था. सीधे शब्दों में कहूं तो, किसी को इस बात पर कोई संदेह नहीं था और हमसे सबूतों की मांग नहीं की गई. हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि मीडिया ने इस मुद्दे पर सवाल उठाए थे. थरूर ने बताया कि दो-तीन मौकों पर पत्रकारों ने इस तरह के सवाल पूछे, लेकिन भारत ने अपनी स्थिति को स्पष्ट रूप से रखा.