Russia President Election: रूस के राष्ट्रपति पांचवीं बार राष्ट्रपति के चुनाव में हिस्सा लेंगे. सोमवार को पुतिन ने चुनाव लड़ने के लिए खुद का नामांकन किया. इस नामांकन को चुनाव आयोग ने स्वीकार कर लिया. बता दें कि रूस में चुनाव 15 से 17 मार्च के बीच होंगे. पुतिन के विपक्ष में कोई नाम नहीं आया है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि रूस में फिर से पुतिन की सरकार बन सकती है.
रिपोर्ट के अनुसार, विपक्ष की ओर से कोई नाम सामने नहीं आया है. हालांकि, बोरिस नेदेझिन ने बतौर लिबरल कैंडिडेट के तौर पर अपना दावा ठोक रहे हैं. उन्होंने अपना नामांकन पत्र भी दाखिल किया है. कई रिपोर्टों में यह भी दावा किया गया है कि बोरिस चुनाव ही नहीं लड़ पाएंगे.
पुतिन के विरोधी इस बात का आरोप लगाते हैं कि साल 2000 में पहली बार उनके प्रेसिडेंट बनने के बाद रूस में सही मायनों में कोई चुनाव हुआ ही नहीं है. यहां सब कुछ पुतिन के हिसाब से होता है.
व्लादिमीर पुतिन ने उस कानून पर हस्ताक्षर किए थे. जो उन्हें 2036 तक सत्ता में बने रहने की इजाजत देता है. इस कानून पर सहमति के बाद रूस में पुतिन के दो अन्य कार्याकाल को भी मंजूरी मिल गई थी.
बता दें कि पुतिन पहली बार मई 2000 में रूस के राष्ट्रपति बने थे. दो कार्यकाल 2008 में पूरे हुए. इसके बाद दिमित्री मेदवेदेव राष्ट्रपति और पुतिन प्रधानमंत्री बने. सत्ता की कमान पुतिन के ही हाथ में रही. इस दौरान मजेदार बात यह रही कि मेदवेदेव के राष्ट्रपति के दौरान संविधान संशोधन हुआ और राष्ट्रपति का कार्यकाल 6 साल कर दिया गया.