SCO Summit 2025: अभी ट्रंप के टैरिफ अटैक का मुद्दा गरमाया हुआ है, इसी बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक की. इस बैठक में दोनों नेताओं ने आपसी संबंधों, वैश्विक चुनौतियों और यूक्रेन संघर्ष जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की.
पीएम मोदी ने बातचीत के दौरान कहा कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन से उनकी हर मुलाकात यादगार होती है. उन्होंने यह भी जिक्र किया कि दोनों देशों के बीच लगातार उच्च-स्तरीय संवाद जारी है और कई बार जानकारी साझा करने का अवसर मिला है. मोदी ने यह भी कहा कि भारत और रूस लगातार संपर्क में रहे हैं और उनकी विशेष साझेदारी समय के साथ और गहरी हुई है.
#WATCH| चीन में पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक
मुझे हमेशा लगता है कि आपसे मिलना एक यादगार बैठक होती है। हमें कई विषयों पर जानकारी साझा करने का अवसर मिला है। हम लगातार संपर्क में रहे हैं। दोनों पक्षों के बीच नियमित रूप से कई उच्च-स्तरीय… pic.twitter.com/AiAnXVP56w— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) September 1, 2025Also Read
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प्रधानमंत्री ने इस वर्ष दिसंबर में होने वाले भारत-रूस शिखर सम्मेलन का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि 140 करोड़ भारतीय इस 23वें शिखर सम्मेलन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. मोदी के अनुसार यह आयोजन भारत और रूस की विशेष और रणनीतिक साझेदारी की गहराई और व्यापकता को दर्शाएगा.
#WATCH | चीन में पीएम मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक
— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) September 1, 2025
हम यूक्रेन में चल रहे संघर्ष पर लगातार चर्चा करते रहे हैं। हम शांति के लिए हाल के सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं। हमें उम्मीद है कि सभी पक्ष रचनात्मक रूप से आगे बढ़ेंगे। संघर्ष को जल्द से… pic.twitter.com/uCpahExhoz
इस बैठक में यूक्रेन में जारी युद्ध पर भी चर्चा हुई. मोदी ने कहा कि भारत और रूस लगातार इस संघर्ष पर विचार-विमर्श करते रहे हैं. उन्होंने शांति के लिए हाल में हुए प्रयासों का स्वागत किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस युद्ध को जल्द से जल्द समाप्त करने और स्थायी शांति स्थापित करने का रास्ता खोजा जाना चाहिए, क्योंकि यह पूरी मानवता की पुकार है.
विश्लेषकों के मुताबिक भारत और रूस की यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब वैश्विक राजनीति में बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं. एक ओर रूस पश्चिमी देशों के दबाव और प्रतिबंधों का सामना कर रहा है, वहीं भारत संतुलित कूटनीति के तहत रूस से संबंध मजबूत बनाए हुए है. भारत का यह रुख वैश्विक स्तर पर शांति की दिशा में उसके प्रयासों को दर्शाता है.
दोनों देशों के बीच लंबे समय से रक्षा, ऊर्जा और व्यापार जैसे क्षेत्रों में मजबूत सहयोग है. हाल के वर्षों में रूस भारत का एक अहम ऊर्जा साझेदार बन गया है. वहीं, रक्षा क्षेत्र में भी भारत रूस से अत्याधुनिक तकनीक और उपकरण खरीदता रहा है. इसी वजह से पीएम मोदी और पुतिन की बैठक को रणनीतिक दृष्टि से बेहद अहम माना जा रहा है.