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India Daily

India China Trade: भारत का सबसे बड़ा कारोबारी साथी कौन? चीन से घाटा या अमेरिका से मुनाफा, जानिए पूरा हिसाब-किताब

भारत का सबसे ज्यादा कारोबार चीन के साथ होता है. लेकिन समस्या यह है कि हम चीन से खरीद ज्यादा करते हैं और बेचते कम. वित्तवर्ष 2024-25 में चीन के साथ भारत का कुल व्यापार 127.7 अरब डॉलर रहा. इसमें से भारत ने चीन को सिर्फ 14.3 अरब डॉलर का सामान बेचा, जबकि 113.5 अरब डॉलर का आयात किया.

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Edited By: Reepu Kumari
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों चीन की यात्रा पर हैं, जहां उन्होंने राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की.
Courtesy: Pinterest

India China Trade: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों चीन की यात्रा पर हैं, जहां उन्होंने राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की और वैश्विक व्यापार पर बातचीत की. अमेरिका और चीन दोनों ही भारत के सबसे बड़े कारोबारी साझेदार हैं. ऐसे में पीएम मोदी की यह यात्रा बेहद अहम मानी जा रही है. खासकर तब, जब अमेरिका की ओर से लगातार टैरिफ  बढ़ाया जा रहा है और भारत के निर्यात पर इसका सीधा असर दिख रहा है.

ग्लोबल मार्केट में बदलते हालात के बीच भारत के लिए यह समझना जरूरी है कि चीन और अमेरिका में से कौन सा देश हमारे लिए ज्यादा अहम है. किसके साथ हमें फायदा मिलता है और किसके साथ नुकसान उठाना पड़ता है. आइए देखते हैं ताजा आंकड़ों के आधार पर भारत का व्यापारिक समीकरण.

भारत और चीन का व्यापार

भारत का सबसे ज्यादा कारोबार चीन के साथ होता है. लेकिन समस्या यह है कि हम चीन से खरीद ज्यादा करते हैं और बेचते कम. वित्तवर्ष 2024-25 में चीन के साथ भारत का कुल व्यापार 127.7 अरब डॉलर रहा. इसमें से भारत ने चीन को सिर्फ 14.3 अरब डॉलर का सामान बेचा, जबकि 113.5 अरब डॉलर का आयात किया. इस तरह चीन के साथ हमारा व्यापार घाटा 99.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया.

चीन-भारत व्यापार 2024-25 (अरब डॉलर में)

  • कुल व्यापार : 127.7
  • निर्यात : 14.3
  • आयात : 113.5
  • घाटा : 99.2

भारत और अमेरिका का व्यापार

अमेरिका हमारा दूसरा सबसे बड़ा साझेदार है और यहां भारत को फायदा होता है. हम अमेरिका को ज्यादा निर्यात करते हैं और उससे कम आयात करते हैं. वित्तवर्ष 2024-25 में भारत ने अमेरिका को 86.7 अरब डॉलर का सामान बेचा और केवल 42.2 अरब डॉलर का आयात किया. इस तरह भारत को 44.5 अरब डॉलर का सरप्लस (मुनाफा) हुआ. कुल मिलाकर भारत-अमेरिका का व्यापार 128.9 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो चीन से भी ज्यादा है.

भारत-अमेरिका व्यापार 2024-25 (अरब डॉलर में)

  • कुल व्यापार : 128.9
  • निर्यात : 86.7
  • आयात : 42.2
  • सरप्लस : 44.5

आंकड़े बताते हैं कि चीन के साथ भारत को लगातार घाटा उठाना पड़ रहा है, जबकि अमेरिका के साथ मुनाफा मिल रहा है. यही कारण है कि भारत के लिए अमेरिका कहीं ज्यादा अहम कारोबारी साझेदार बनता जा रहा है. हालांकि, चीन के साथ संबंध मजबूत रखना भी भारत की आर्थिक रणनीति का जरूरी हिस्सा है.