पेरिस में मंगलवार को सामने आई इस घटना ने न सिर्फ मुस्लिम समुदाय बल्कि पूरे फ्रांस को झकझोर कर रख दिया है. मस्जिदों के बाहर सूअरों के सिर रखना एक सुनियोजित कदम माना जा रहा है, क्योंकि इस्लाम धर्म में सूअर का मांस हराम और अपवित्र माना जाता है. इस मामले पर राष्ट्रपति मैक्रों से लेकर पेरिस की मेयर तक सभी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और इसे निंदनीय करार दिया है.
पेरिस पुलिस प्रमुख लॉरेंट नुनेज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि चार मस्जिदों के बाहर पेरिस शहर में और पांच मस्जिदों के बाहर उपनगरीय इलाकों में सूअरों के सिर मिले हैं. उन्होंने कहा कि अभी संभावना है कि अन्य जगहों पर भी ऐसे सिर रखे गए हों. यह कदम सीधे तौर पर मुस्लिम समुदाय को भड़काने और उनके खिलाफ नफरत फैलाने का प्रयास है.
फ्रांस के आंतरिक मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि जनवरी से मई 2025 के बीच देश में एंटी-मुस्लिम घटनाओं में 75 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. खासतौर पर व्यक्तियों पर हमलों की संख्या तीन गुना हो गई है. यूरोपीय संघ की रिपोर्ट भी बताती है कि गाजा युद्ध के बाद से यूरोप के कई देशों में मुस्लिम और यहूदी समुदायों के खिलाफ घृणा अपराधों में तेजी आई है.
घटना के बाद राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने मुस्लिम समुदाय के नेताओं से मुलाकात कर उन्हें अपना समर्थन जताया. पेरिस की मेयर ऐन हिडाल्गो ने कानूनी कार्रवाई शुरू की और इसे नस्लवादी हमला बताया. वहीं, आंतरिक मंत्री ब्रूनो रिटायो ने कहा कि मुस्लिम नागरिकों को शांति से अपना धर्म पालन करने का पूरा अधिकार है और ऐसे कृत्य बिल्कुल अस्वीकार्य हैं.
ग्रैंड मस्जिद ऑफ पेरिस के रेक्टर चेएम्स-एद्दीन हफीज ने इस घटना को 'इस्लामोफोबिया की एक नई और दुखद कड़ी' बताया. एंटी-डिस्क्रिमिनेशन ग्रुप 'अदाम' के प्रमुख बासिरू कामारा ने कहा कि लगातार चेतावनी देने के बावजूद प्रशासन गंभीरता नहीं दिखा रहा. उन्होंने सवाल उठाया कि अगर अभी सख्त कदम नहीं उठाए गए तो अगला कदम क्या होगा. मस्जिदों में नमाजियों पर हमला? मुस्लिम समाज में इस घटना ने गहरी बेचैनी और भय पैदा कर दिया है.