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14 करोड़ मील की यात्रा कर पृथ्वी पर गिरा मंगल ग्रह का सबड़े बड़ा टुकड़ा नीलामी को तैयार, कीमत जान उड़ जाएंगे होश

इस नीलामी में एक जुवेनाइल सेराटोसॉरस डायनासोर का कंकाल भी शामिल है, जो 6 फीट से अधिक ऊंचा और 11 फीट लंबा है. 

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Edited By: Sagar Bhardwaj
 Largest piece of Mars on Earth is up for auction

न्यूयॉर्क में सोथबीज की प्राकृतिक इतिहास थीम पर आधारित नीलामी में एक अनूठा खजाना पेश किया जा रहा है, मंगल ग्रह का अब तक का सबसे बड़ा टुकड़ा, NWA 16788. यह 24.67 किलोग्राम का उल्कापिंड 16 जुलाई 2025 को नीलाम होगा, जिसकी अनुमानित कीमत 20 से 40 करोड़ रुपये है. इस नीलामी में एक जुवेनाइल सेराटोसॉरस डायनासोर का कंकाल भी शामिल है, जो 6 फीट से अधिक ऊंचा और 11 फीट लंबा है. 

14 करोड़ मील की यात्रा कर पृथ्वी पर गिरा

सोथबीज के अनुसार, NWA 16788 उल्कापिंड मंगल ग्रह की सतह से एक विशाल उल्का टक्कर के कारण निकला और 14 करोड़ मील की यात्रा कर सहारा रेगिस्तान में पृथ्वी पर गिरा. नवंबर 2023 में नाइजर के अगादेज़ क्षेत्र में एक उल्का शिकारी ने इसे खोजा. यह लाल, भूरे और भूरे रंग का टुकड़ा, जो 15 x 11 x 6 इंच का है, पृथ्वी पर मौजूद मंगल सामग्री का लगभग 7% हिस्सा है और अगले सबसे बड़े टुकड़े से 70% बड़ा है.

दुर्लभ और वैज्ञानिक महत्व

सोथबीज की विज्ञान और प्राकृतिक इतिहास की उपाध्यक्ष कैसेंड्रा हट्टन ने कहा, “यह मंगल उल्कापिंड अब तक का सबसे बड़ा टुकड़ा है, जो पहले के सबसे बड़े टुकड़े से दोगुना से अधिक है.” पृथ्वी पर 77,000 से अधिक मान्यता प्राप्त उल्कापिंडों में केवल 400 ही मंगल के हैं. इस उल्कापिंड का एक छोटा हिस्सा विशेष प्रयोगशाला में जांचा गया, जहां 1976 के वाइकिंग अंतरिक्ष यान से प्राप्त मंगल उल्कापिंडों की रासायनिक संरचना से इसकी पुष्टि हुई. यह एक “ऑलिवाइन-माइक्रोगैब्रोइक शेरगोटाइट” है, जो मंगल के मैग्मा के धीमे ठंडा होने से बना है और इसमें पायरोक्सीन व ऑलिवाइन खनिज हैं. 

चमकदार सतह और इतिहास

हट्टन ने बताया, “इसकी चमकदार सतह पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश के दौरान उच्च ताप के कारण बनी, जिसने इसे सामान्य चट्टान से अलग किया.” यह उल्कापिंड पहले रोम में इतालवी अंतरिक्ष एजेंसी में प्रदर्शित था. इसका मालिक अज्ञात है, और यह हाल के वर्षों में पृथ्वी पर गिरा माना जाता है.  

60 करोड़ की कीमत का डायनासोर का कंकाल

नीलामी में शामिल जुरासिक काल का सेराटोसॉरस नैसिकॉर्निस कंकाल, जो 1996 में व्योमिंग के बोन्स केबिन क्वारी में मिला, 40 से 60 करोड़ रुपये की कीमत का अनुमान है. यह 150 मिलियन वर्ष पुराना कंकाल 140 जीवाश्म हड्डियों और कुछ मूर्त सामग्री से बना है. सोथबीज की गीक वीक 2025 में 122 वस्तुएं, जैसे अन्य उल्कापिंड, जीवाश्म और रत्न-गुणवत्ता वाले खनिज, शामिल हैं.