नई दिल्ली: अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन की ताजा रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन अमेरिका को भारत से दूर करने की रणनीति पर काम कर रहा है. इसी उद्देश्य से वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी LAC पर हाल के महीनों में तनाव में कमी देखने को मिली है. रिपोर्ट के अनुसार चीन भारत के साथ सीमित स्थिरता बनाकर अमेरिका और भारत के बीच बढ़ती रणनीतिक साझेदारी को कमजोर करना चाहता है.
पेंटागन की यह रिपोर्ट अमेरिकी कांग्रेस को सौंपी गई है, जिसका शीर्षक पीपुल्स रिपब्लिक चाइना से जुड़े सैन्य और सुरक्षा घटनाक्रम 2025 है. इसमें कहा गया है कि अरुणाचल प्रदेश पर चीन का दावा उसके कोर इंटरेस्ट्स यानी मुख्य हितों का हिस्सा है. चीन अपने मुख्य हितों में ताइवान, दक्षिण चीन सागर, सेनकाकू द्वीप और अरुणाचल प्रदेश से जुड़े दावों को शामिल मानता है.
रिपोर्ट के मुताबिक चीन की राष्ट्रीय रणनीति का लक्ष्य वर्ष 2049 तक खुद को दुनिया की सबसे शक्तिशाली ताकत बनाना है. इसके लिए वह विश्वस्तरीय सेना तैयार कर रहा है और अपनी संप्रभुता तथा क्षेत्रीय दावों की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है. इसी रणनीति के तहत वह भारत के साथ रिश्तों को पूरी तरह खराब होने से फिलहाल बचाना चाहता है.
पेंटागन ने यह भी बताया है कि अक्टूबर 2024 में भारत और चीन एलएसी पर बचे हुए गतिरोध वाले क्षेत्रों से पीछे हटने पर सहमत हुए थे. यह सहमति ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक से ठीक दो दिन पहले बनी थी. इसके बाद दोनों देशों के बीच मासिक उच्च स्तरीय सैन्य और कूटनीतिक संवाद की शुरुआत हुई.
हालांकि रिपोर्ट में यह भी साफ किया गया है कि भारत चीन के इरादों को लेकर पूरी तरह सतर्क है. पारस्परिक अविश्वास और सीमा विवाद जैसे मुद्दे दोनों देशों के रिश्तों को सीमित करते रहेंगे. विशेषज्ञों का मानना है कि चीन की शांति की यह कोशिश रणनीतिक है और इसके पीछे दीर्घकालिक हित जुड़े हुए हैं.
रिपोर्ट में चीन और पाकिस्तान के बीच गहरे सैन्य सहयोग पर भी चिंता जताई गई है. दोनों देशों ने मिलकर जेएफ 17 लड़ाकू विमान विकसित किए हैं. मई 2025 तक चीन पाकिस्तान को जे 10सी के 20 लड़ाकू विमान दे चुका था. आने वाले समय में चीन अपने नौसैनिक हथियारों और युद्धपोतों का निर्यात भी बढ़ा सकता है.
इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन दुनिया के अलग अलग हिस्सों में नए सैन्य ठिकाने बनाने की योजना पर काम कर रहा है. पाकिस्तान उन देशों में शामिल हो सकता है, जहां चीन भविष्य में सैन्य ठिकाना स्थापित करने पर विचार कर रहा है.