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India Daily

भारी हिंसा के बीच 15 साल बाद बांग्लादेश लौट रहे हैं खालिदा जिया के बेटे, संभाल सकते हैं चुनावों की कमान

तारिक अनवर की वापसी के साथ ही बीएनपी के चुनाव अभियान की औपचारिक कमान उनके हाथ में आने की उम्मीद है. देश भर के पार्टी कार्यकर्ताओं  को उनके आने से पहले पूरी तरह से तैयार रहने के निर्देश दे दिए गए हैं.

Sagar
Edited By: Sagar Bhardwaj
भारी हिंसा के बीच 15 साल बाद बांग्लादेश लौट रहे हैं खालिदा जिया के बेटे, संभाल सकते हैं चुनावों की कमान
Courtesy: @DrJyoti_S_PATEL

देश में भारी उथल-पुथल के बीच बांग्लादेश राष्ट्रवादी पार्टी (BNP) के नेता तारिक रहमान लगभग 15 सालों बाद कल ढाका लौटने वाले हैं. यह इस बात का साफ संकेत है कि बांग्लादेश अगले साल फरवरी में होने वाले  राष्ट्रीय चुनावों की ओर मजबूती से आगे बढ़ रहा है.

तारिक अनवर की वापसी के साथ ही बीएनपी के चुनाव अभियान की औपचारिक कमान उनके हाथ में आने की उम्मीद है. देश भर के पार्टी कार्यकर्ताओं  को उनके आने से पहले पूरी तरह से तैयार रहने के निर्देश दे दिए गए हैं.

सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं को हाई अलर्ट पर रहने और प्रमुख शहरी केंद्रों, विशेष रूप से ढाका, चटगांव, सिलहट में स्थिति को संभालने के लिए कहा गया है. इन शहरों को बीएनपी का पारंपरिक गढ़ माना जाता है जो मतदान के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण हैं.

हो सकती है हिंसा

खुफिया जानकारी के अनुसार, तारिक रहमान के बांग्लादेश आगमान पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और हिंसा हो सकती है. अपनी पहचान बनाने के लिए आतुर कुछ कट्टरपंथी इस्लामी समूह इस हिंसा में शामिल हो सकते हैं.

कौन हैं तारिक रहमान

तारिक रहमान बांग्लादेश राष्ट्रवादी पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के सबसे बड़े बेटे हैं.

बीएनपी पार्टी के संस्थापक परिवार के प्रमुख और पार्टी के राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाने वाले तारिक रहमान कई कानूनी मामलों के बीच लगभग 15 साल पहले बांग्लादेश छोड़ने के बाद से विदेश से ही पार्टी का कामकाज संभाल रहे थे.

जल रहा बांग्लादेश

दक्षिण एशिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ रहा बांग्लादेश अचानक हिंसा से जल उठा है. पिछले कुछ महीनों से वहां राजनीतिक तनाव बढ़ता जा रहा है. पहले वहां भारी विरोध प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद से हटा दिया गया और अब वहां पिछले कुछ दिनों से धार्मिक हिंसा देखने को मिल रही है.