Shehbaz Sharif On Kashmir Issue: पाकिस्तान ने शुक्रवार को एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर मुद्दा उठाया और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि ‘स्थायी शांति सुनिश्चित करने’ के लिए भारत को अनुच्छेद 370 को हटाने के फैसले को वापस लेना चाहिए.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र की आम बहस को संबोधित करते हुए शहबाज शरीफ ने ये भी सुझाव दिया कि भारत को जम्मू-कश्मीर मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत करनी चाहिए. अपने 20 मिनट के भाषण में शहबाज शरीफ ने उम्मीद के मुताबिक जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया और अनुच्छेद 370 तथा हिजबुल आतंकवादी बुरहान वानी का जिक्र किया.
शहबाज शरीफ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि कब्जे वाले कश्मीर में भारत की क्रूर जबरदस्ती और दमन की नीति ने यह सुनिश्चित किया है कि बुरहान वानी की विरासत लाखों कश्मीरियों के संघर्ष और बलिदान को प्रेरित करती रहेगी. अपने महाकाव्य संघर्ष की वैधता से प्रेरित होकर वे विद्रोही बने हुए हैं.
India’s policy of brutal coersion and oppression, in occupied Kashmir has ensured, that Burhan Wani’s legacy, continues to inspire, the struggle and sacrifices, of millions of Kashmiris.
— Shehbaz Sharif (@CMShehbaz) September 27, 2024
Inspired by the legitimacy, of their epic struggle, they remain defiant. #UNGA79 pic.twitter.com/SjfFBVR1ev
संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि इसी तरह, फिलिस्तीन के लोगों की तरह, जम्मू और कश्मीर के लोगों ने भी अपनी स्वतंत्रता और आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए एक सदी तक संघर्ष किया है. अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के भारत के फैसले का उल्लेख करते हुए, शहबाज शरीफ ने कहा कि स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए, भारत को अगस्त 2019 के एकतरफा और अवैध उपायों को उलटना होगा और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की इच्छाओं के अनुसार जम्मू और कश्मीर मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए बातचीत शुरू करनी होगी.
पीटीआई के अनुसार शरीफ ने यह भी आरोप लगाया कि शांति की दिशा में आगे बढ़ने के बजाय भारत जम्मू-कश्मीर पर सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को लागू करने की अपनी प्रतिबद्धताओं से पीछे हट गया है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा कि ये प्रस्ताव जम्मू-कश्मीर के लोगों को आत्मनिर्णय के अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग करने में सक्षम बनाने के लिए जनमत संग्रह का आदेश देते हैं.
शहबाज शरीफ ने आरोप लगाया कि भारत में मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने दावा किया कि इस्लामोफोबिया का बढ़ना वैश्विक स्तर पर चिंताजनक घटनाक्रम है. शरीफ ने आरोप लगाया कि इस्लामोफोबिया का सबसे भयावह उदाहरण भारत में हिंदू वर्चस्ववादी एजेंडा है. ये 20 करोड़ मुसलमानों को दबाने और भारत की इस्लामी विरासत को मिटाने की आक्रामक कोशिश करता है.
चर्चा समाप्त होने के बाद भारत की ओर से उत्तर देने के अधिकार के तहत पाकिस्तान के आरोपों का कड़ा जवाब दिए जाने की उम्मीद है. विदेश मंत्री एस जयशंकर शनिवार रात (भारतीय समयानुसार) संयुक्त राष्ट्र महासभा में बोलने वाले हैं. पाकिस्तान नियमित रूप से विभिन्न संयुक्त राष्ट्र मंचों पर जम्मू और कश्मीर का मुद्दा उठाता है, भले ही चर्चा का विषय कुछ भी हो या मंच का विषय कुछ भी हो, लेकिन उसे कोई समर्थन या समर्थन नहीं मिल पाता है.
नई दिल्ली ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग थे, हैं और हमेशा रहेंगे. भारत ने पाकिस्तान से ये भी कहा है कि वह कश्मीर मुद्दे को उठाने और नई दिल्ली के खिलाफ तुच्छ आरोप लगाने के बजाय अपने आंतरिक मामलों पर ध्यान केंद्रित करे. 5 अगस्त, 2019 को नई दिल्ली की ओर से जम्मू और कश्मीर का विशेष दर्जा रद्द करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया.