कौन है हिजबुल्लाह का सीनियर कमांडर शेख हसन नसरल्लाह, जिसकी तलाश में इजराइली सेना ने 'धुआं-धुआं' कर दिया लेबनान
Who Is Sheikh Hassan Nasrallah: इजरायली हवाई हमलों ने बेरूत में हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह को निशाना बनाया. हालांकि, नसरल्लाह जिंदा है या मारा गया, इस बारे में कोई पुष्ट खबरें नहीं हैं. उसे टारगेट कर किए गए हमले में कई लोगों के मारे जाने की खबर है, जबकि कई अन्य घायल भी हुए हैं.
Who Is Sheikh Hassan Nasrallah: कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शुक्रवार को बेरूत के दक्षिणी उपनगरों में किए गए इजरायली हमलों में हिजबुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह को निशाना बनाया गया. हिजबुल्लाह से जुड़े एक सूत्र ने रॉयटर्स को बताया कि नसरल्लाह जिंदा है. इसके अलावा, एक सीनियर ईरानी सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि तेहरान उसकी स्थिति की पुष्टि कर रहा है. इजरायली सेना ने कहा कि बेरूत में हिजबुल्लाह के मुख्यालय को निशाना बनाकर किए गए हमले में कई लोग मारे गए और घायल हुए.
इजराइली हवाई हमलों ने शुक्रवार को बेरूत के दक्षिणी उपनगर हरेक हरेक में छह इमारतों को नष्ट कर दिया, जो इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच लगभग एक वर्ष के संघर्ष के दौरान लेबनान की राजधानी में सबसे बड़ा हमला था. आइए, जानते हैं कि आखिर हसन नसरल्लाह कौन हैं?
शेख हसन नसरल्लाह पिछले तीन दशकों से हिज़्बुल्लाह का नेतृत्व कर रहा है, जिससे ये मध्य पूर्व में सबसे शक्तिशाली आतंकवादी समूहों में से एक बन गया है.
1960 में एक संघर्षशील शिया परिवार में जन्मे नसरल्लाह ने धार्मिक अध्ययन किया है और हिज़्बुल्लाह के संस्थापकों में से एक के रूप में उभरने से पहले, शिया राजनीतिक और अर्धसैनिक संगठन, अमल आंदोलन से जुड़ा था.
1985 में, हिज़्बुल्लाह ने औपचारिक रूप से एक 'खुला पत्र' जारी करके अपने गठन की घोषणा की, जिसमें अमेरिका और सोवियत संघ को इस्लाम के मुख्य दुश्मन बताया गया. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, पत्र में इज़राइल के 'विनाश' का भी आह्वान किया गया था, जिस पर उसने मुस्लिम क्षेत्रों पर कब्जा करने का आरोप लगाया था.
नसरल्लाह को हिजबुल्लाह के महासचिव चुने जाने के पांच वर्ष बाद अमेरिका ने हिजबुल्लाह को 1997 में आतंकवादी संगठन घोषित किया था.
नसरल्लाह ने कैसे हिज़्बुल्लाह को इजरायल का कट्टर दुश्मन बना दिया?
हिजबुल्लाह की स्थापना ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड के सदस्यों की ओर से की गई थी, जो 1982 की गर्मियों में लेबनान में आक्रमणकारी इजरायली सेना से लड़ने के लिए पहुंचे थे.
नसरल्लाह के नेतृत्व में, हिजबुल्लाह ने युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके परिणामस्वरूप 2000 में दक्षिणी लेबनान से इजरायली सैनिकों की वापसी हुई, जिससे 18 साल का कब्ज़ा समाप्त हो गया.
2006 में, हिजबुल्लाह ने 34 दिनों के संघर्ष में इजरायल का सामना किया, जो गतिरोध में समाप्त हुआ, जिसे उसने 'ईश्वरीय जीत' घोषित किया.
नसरल्लाह और फ़िलिस्तीनी मुद्दे के प्रति उसका समर्थन
7 अक्टूबर को इजरायल-हमास युद्ध शुरू होने के एक दिन बाद, हिजबुल्लाह ने सीमा पर इजरायली सैन्य चौकियों पर हमले शुरू कर दिए, इसे गाजा के लिए 'बैकअप फ्रंट' करार दिया.
1 अगस्त को एक भाषण में नसरल्लाह ने कहा कि हम यहां गाजा और फिलिस्तीनी लोगों के लिए अपने समर्थन के मोर्चे और फिलिस्तीनी मुद्दे को अपनाने की कीमत चुका रहे हैं.
संघर्ष के दौरान, हिजबुल्लाह के नेता ने दावा किया है कि समूह के सीमा पार हमलों ने इजरायली बलों को विचलित कर दिया है जो अन्यथा गाजा में हमास पर ध्यान केंद्रित करते. उसने कहा कि हिजबुल्लाह तब तक अपने हमले बंद नहीं करेगा जब तक कि क्षेत्र में युद्धविराम नहीं हो जाता.
हाल के हफ्तों में तनाव बढ़ने के साथ, इज़राइल ने संघर्ष में एक नए चरण की घोषणा की जिसका उद्देश्य हिजबुल्लाह को सीमा से पीछे धकेलना है, जिससे उत्तरी इज़राइल से विस्थापित हजारों लोग घर लौट सकें.
इस वृद्धि में ऐसे हमले शामिल थे, जिनके परिणामस्वरूप हिज़्बुल्लाह के शीर्ष सैन्य कमांडरों की मृत्यु हो गई और समूह की ओर से उपयोग किए जाने वाले पेजर समेत कई संचार उपकरणों को नष्ट कर दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप 37 लोगों की मृत्यु हो गई और हजारों लोग घायल हो गए.