Mohamed Muizzu: न्यूयॉर्क में 79वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा के अवसर पर बोलते हुए मुइज़ू ने कहा, "मैं जल्द से जल्द (भारत) यात्रा करने की योजना बना रहा हूं. हमारे बीच बहुत मजबूत द्विपक्षीय संबंध हैं." अगर यह यात्रा होती है, तो यह मुइज्जू की भारत की दूसरी यात्रा होगी, इससे पहले वे जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने आए थे. परंपरागत रूप से, मालदीव के राष्ट्रपति भारत को अपना पहला विदेशी गंतव्य बनाते हैं, लेकिन मुइज़ू ने इस साल की शुरुआत में पदभार संभालने के बाद तुर्की और चीन का दौरा करके इस पैटर्न को तोड़ दिया.
मुइज्जू चीन समर्थित हैं. राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने पहला आधिकारिक दौरा चीन का किया था, जबकि मालदीव का जब भी कोई नया राष्ट्रपति बनता है तो उसका पहला आधिकारिक दौरा भारत का होता है.
गिरगिट की तरह रंग बदलने वाले मोहम्मद मुइज्जू को भारत की ताकत का एहसास हुआ तो उन्होंने अपनी विदेशी नीति में बदलाव किया. कई मीडिया रिपोर्टों में संकेत दिया गया है कि मुइज्जू अक्टूबर के मध्य में भारत आ सकते हैं.मुइज्जू पिछली बार 9 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए छह अन्य क्षेत्रीय देशों के नेताओं के साथ नई दिल्ली आए थे.
इससे पहले मुइज्जू ने कहा कि मालदीव का भारत के साथ कोई मुद्दा नहीं है, लेकिन मालदीव के लोग देश में किसी भी विदेशी सैन्य उपस्थिति नहीं चाहते हैं. संयुक्त राष्ट्र महासभा में भाग लेने के लिए यूएसए की अपनी चल रही यात्रा के दौरान प्रिंसटन विश्वविद्यालय में बोलते हुए, मुइज्जू ने विस्तार से बताया कि मुद्दा देश में विदेशी सैन्य उपस्थिति था.
उन्होंने कहा, "मालदीव में एक भी विदेशी सैन्य कर्मी ऐसी चीज नहीं है जिसे मालदीव के लोग स्वीकार करते हैं. लेकिन भारत से आने वाले उनके होने का मतलब यह नहीं है कि हम भारत के खिलाफ हैं."
नवंबर 2023 में मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद से भारत और मालदीव के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे. तनाव तब और बढ़ गया था जब मुइज्जू सरकार के कुछ अधिकारियों ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर टिप्पणी की थी. बाद में मुइज्जू सरकार ने संबंधित अधिकारियों को निलंबित कर दिया था.
भारत के मालदीव पर्यटन मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष की शुरुआत में मालदीव में भारतीय पर्यटकों की संख्या में भी गिरावट देखी गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 33% कम है.
अगस्त में, भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मालदीव का दौरा किया था. उन्होंने और उनके मालदीव के समकक्ष मूसा जमीर ने विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया और माले में समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया.