पाकिस्तान ने सोमवार (5 मई) को एक और मिसाइल टेस्ट किया, जिसके बाद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि देश की रक्षा "मजबूत हाथों में" है. एएफपी न्यूज एजेंसी के अनुसार, शहबाज शरीफ ने बयान जारी कर कहा, "इस सफल प्रशिक्षण प्रक्षेपण से साफ है कि पाकिस्तान की रक्षा मजबूत हाथों में है. उन्होंने सेना की "राष्ट्रीय रक्षा के लिए पूर्ण तैयारी" पर संतुष्टि जताई.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना ने बताया कि यह सतह-से-सतह मिसाइल परीक्षण, जिसकी मारक क्षमता 120 किलोमीटर है, चल रहे सैन्य अभ्यास 'इंडस' का हिस्सा था. सेना के बयान में कहा गया, "इस मिसाइल टेस्ट का मसकद सैनिकों की परिचालन तत्परता सुनिश्चित करना और मिसाइल के बेहतर नेविगेशन सिस्टम व सटीकता जैसे प्रमुख तकनीकी मापदंडों को मान्य करना था."
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव का दौर जारी
बता दें कि, पाकिस्तान का यह दूसरा मिसाइल टेस्ट है, जो शनिवार को अब्दाली बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणाली के टेस्ट के बाद हुआ, जिसकी मारक क्षमता 450 किलोमीटर है. भारत ने पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट को "उकसावे की लापरवाह कार्रवाई" करार दिया. दरअसल, दोनों देशों के बीच तनाव 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद और बढ़ गया, जिसमें 26 लोग, ज्यादातर पर्यटक, मारे गए थे. बता दें कि, यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में सबसे घातक आतंकी हमला है. वहीं, भारत ने हमले के दोषियों को खोजने की कसम खाई है.
पहलगाम हमले के बाद भारत की सख्त कार्रवाई
भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं, जिनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, अटारी सीमा क्रॉसिंग को बंद करना और राजनयिक संबंधों को कम करना शामिल है. भारतीय सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के सभी प्रकार के वीजा रद्द कर दिए और उन्हें 30 अप्रैल तक देश छोड़ने का आदेश दिया है. भारत ने पाकिस्तान एयरलाइंस की उड़ानों के लिए अपने हवाई क्षेत्र को भी बंद कर दिया.
हालांकि, इसके जवाब में, पाकिस्तान ने भारत के साथ सभी कारोबार, जिसमें तीसरे देशों के माध्यम से होने वाला कारोबार भी शामिल है, निलंबित कर दिया और भारतीय एयरलाइंस को अपने एयरस्पेस का इस्तेमाल करने से रोक दिया है. जबकि, पिछले 10 दिनों से पाकिस्तानी सेना सीमा पर लगातार युद्धविराम का उल्लंघन कर रही है.
PM मोदी का कड़ा रुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 अप्रैल के बाद से शीर्ष सरकारी अधिकारियों और सैन्य नेताओं के साथ कई हाई लेवलें बैठकें की हैं. पिछले महीने एक महत्वपूर्ण सुरक्षा बैठक में मोदी ने कहा कि सशस्त्र बलों को हमले के जवाब में तरीके, टारगेट और समय तय करने की पूरी परिचालन स्वतंत्रता है.