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India Daily

'अगर हम आज चुप बैठे रहे तो एक दिन...', पाकिस्तान ने खुलकर किया ईरान का समर्थन, सभी मुस्लिम देशों से की एकजुट होने की अपील

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा, 'इस परीक्षा की घड़ी में हम हर तरह से ईरान के साथ खड़े हैं. हम ईरानी हितों की रक्षा करेंगे. ईरानी हमारे भाई हैं और उनका दुख और दर्द हमारा है.'

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Pakistan openly supported Iran appealed all Muslim countries to unite against Israel

पाकिस्तान ने शनिवार को इजरायल द्वारा ईरान के परमाणु कार्यक्रम और सशस्त्र बलों पर किए गए तीव्र हमलों के बाद ईरान का खुलकर समर्थन किया. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने मुस्लिम देशों से "इजरायली आक्रामकता" के खिलाफ एकजुट होने की अपील की.  

अगर हम आज चुप और बंटे रहे

दुनिया न्यूज के अनुसार, आसिफ ने कहा, "इस परीक्षा की घड़ी में हम हर तरह से ईरान के साथ खड़े हैं. हम ईरानी हितों की रक्षा करेंगे. ईरानी हमारे भाई हैं और उनका दुख और दर्द हमारा है." उन्होंने आगे कहा कि इजरायल न केवल ईरान, बल्कि यमन और फिलिस्तीन को भी निशाना बना रहा है, इसलिए मुस्लिम दुनिया में एकता बेहद जरूरी है. उन्होंने चेतावनी दी, "अगर हम आज चुप और बंटे रहे, तो अंततः सभी को निशाना बनाया जाएगा."  

ओआईसी की बैठक की मांग
आसिफ ने इजरायल के ईरान के खिलाफ कदम पर चर्चा के लिए इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की बैठक बुलाने की मांग की. उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पश्चिमी देशों में गैर-मुस्लिम आबादी इजरायल के खिलाफ विरोध कर रही है. उन्होंने दुनिया न्यूज के हवाले से कहा, "उनका विवेक जाग गया है- मुस्लिम दुनिया के विपरीत." 

इजरायल-ईरान में क्यों शुरू हुआ संघर्ष
शुक्रवार को इजरायल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमले किए, जिनमें कई ईरानी जनरलों और रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स की एयरोस्पेस डिवीजन के वरिष्ठ नेतृत्व की मौत हो गई. ईरान के संयुक्त राष्ट्र राजदूत के अनुसार, इन हमलों में 78 लोग मारे गए और 320 से अधिक घायल हुए. जवाबी कार्रवाई में, ईरान ने शनिवार रात इजरायल पर मिसाइलों की बौछार की, जिससे क्षेत्रीय तनाव और बढ़ गया.  

इजरायल ने बताया कि शनिवार रात तेल अवीव और अन्य शहरों की ओर दर्जनों मिसाइलें दागी गईं. देश भर में हवाई हमले के सायरन बजे और सेना ने निवासियों से आश्रय लेने की अपील की. कई मिसाइलों को रोक लिया गया, लेकिन कुछ ने इजरायल की हवाई रक्षा को भेदकर नुकसान पहुंचाया. इजरायल ने अपने कार्यों का बचाव करते हुए दावा किया कि खुफिया जानकारी से पता चला था कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम "वापसी के बिंदु" के करीब था.