भारत में चुनाव है लेकिन पाकिस्तान में तनाव है. तनाव इस बात का है कि कहीं भारत में नरेंद्र मोदी की सरकार एक बार फिर न बन जाए. पाकिस्तान के मंत्रियों को मोदी से इतना डर है कि उन्हें बार-बार कहना पड़ रहा है कि इंडिया ब्लॉक को ही चुनाव जीतना चाहिए. पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी तो भारतीय जनता पार्टी (BJP) का काम बनाने में लग गए हैं. सोशल मीडिया पर लोग उन्हें कांग्रेस का स्टार प्रचारक लिख दे रहे हैं. वजह ये है कि वे चाहते हैं कि भारत में इंडिया गठबंधन की सरकार बन जाए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो वैसे ही विपक्षी दलों को पाकिस्तान का समर्थक बताते हैं. अब फवाद चौधरी ने ऐसा 'चुनाव प्रचार' किया है, जिसे सुनकर ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल टेंशन में आ जाएंगे. कहेंगे कि क्या यार, कहां फंसा दिया है भाई. अरविंद केजरीवाल तो एक बार कह भी चुके हैं कि तुम न प्रचार करो, अपना देखो चौधरी साहब.
क्या है फवाद चौधरी ने?
फवाद चौधरी ने कहा है, 'अगर पाकिस्तान के साथ भारत के अच्छे संबंध होते हैं तो उससे वोटरों को ही लाभ होगा. अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए नरेंद्र मोदी का हारना जरूरी है. नरेंद्र मोदी और उनकी अतिवादी विचारधारा को हराना जरूरी है. राहुल जी और केजरीवाल जी को मेरी शुभकामनाएं.'
BJP है डबल खुश, फवाद ने इंडिया ब्लॉक को फंसाया
अंतिम दौर का चुनाव चल रहा है. 1 जून को वोटिंग होने वाली है. नरेंद्र मोदी सरकार की खुशी संभाले नहीं संभल रही है. वजह ये है कि बीजेपी यही दावा ही करती है कि अगर इंडिया ब्लॉक की सरकार बनी तो पाकिस्तान में पटाखे छूटेंगे. पाकिस्तानी नेताओं के बयान इसमें आग में घी डालने का काम कर रहे हैं. बीजेपी कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों को देश विरोधी बता रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल के कई इंटरव्यू में कह रहे हैं कि पाकिस्तान भी चाहता है कि नरेंद्र मोदी की सरकार न बने. पीएम मोदी ने कहा कि यह जांच का विषय है कि उन्हें पाकिस्तान से इतना क्यों सपोर्ट मिल रहा है.
फवाद की चुगली, इंडिया ब्लॉक पर पड़े न भारी
पाकिस्तान और भारत के रिश्ते जग-जाहिर हैं. पाकिस्तान ने हर बार भारत की पीठ में छूरा घोंपा है. कश्मीर में आए दिन नए-नए आतंकी वारदातों को अंजाम देने की कोशिश करता है. मुंबई हमलों से लेकर पुलवामा तक, पाकिस्तान ने भारत को ऐसे-ऐसे जख्म दिए हैं, जिनकी कोई भरपाई नहीं है. ऐसे में वहां से इंडिया ब्लॉक के समर्थन में आवाजें उठ रही हैं तो बीजेपी को मौका मिल जा रहा है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने एक बार तो फवाद चौधरी को नसीहत दी थी कि हम अपने यहां निपट लेंगे, चौधरी साहब आपकी जरूरत नहीं है, आप अपना संभालिए लेकिन फवाद की ये गुगली कैसे संभालेंगे, यह देखने वाली बात होगी.