नई दिल्ली: पाकिस्तान में चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज यानी सीडीएफ का पद बनाने को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है. आर्मी चीफ फील्ड मार्शल असीम मुनीर को देश का पहला सीडीएफ बनाने की योजना पहले से चर्चा में थी. नवाज शरीफ और आसिफ अली जरदारी जैसे बड़े नेता भी असीम मुनीर के समर्थन में माने जा रहे थे लेकिन अब इस योजना में बड़ा मोड़ आ गया है.
पाकिस्तान एयरफोर्स के चीफ एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर सिद्धू ने इस पद पर असीम मुनीर की नियुक्ति का खुलकर विरोध कर दिया है. इससे पाकिस्तान की सेना और राजनीति में नई खींचतान शुरू हो गई है. पाकिस्तानी सेना के पूर्व अधिकारी आदिल राजा ने दावा किया है कि एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर सिद्धू न सिर्फ मुनीर के खिलाफ हैं, बल्कि उन्होंने खुद को इस पद के लिए दावेदार भी बताया है.
आदिल राजा का कहना है कि जहीर अहमद बाबर सिद्धू ने सीधे नवाज शरीफ से मुलाकात करके सीडीएफ बनने की इच्छा जताई है. उन्होंने यह तर्क दिया कि आज दुनिया में किसी भी जंग में एयरफोर्स की भूमिका सबसे ज्यादा अहम होती है. इसलिए उन्हें इस पद के लिए ज्यादा योग्य माना जाना चाहिए.
दिलचस्प बात यह है कि जहीर अहमद बाबर सिद्धू ने अपनी दावेदारी मजबूत करने के लिए वही तर्क इस्तेमाल किया, जिसका उपयोग असीम मुनीर ने खुद को फील्ड मार्शल और अब सीडीएफ बनाने के लिए किया था. उन्होंने कहा कि भारत के साथ मई में हुई जंग में एयरफोर्स की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण रही थी. इसलिए सीडीएफ बनने का हक एयरफोर्स के पास होना चाहिए.
आदिल राजा ने यह भी दावा किया है कि जहीर अहमद बाबर सिद्धू और नवाज शरीफ के बीच पहले से गहरे संबंध हैं. पिछले चुनाव में उन्होंने अपने छोटे भाई को पंजाब में पीएमएल एन के टिकट पर जीत दिलवाई थी. ऐसे में माना जा रहा है कि नवाज शरीफ जहीर अहमद बाबर का समर्थन कर सकते हैं लेकिन इसमें सबसे बड़ी अड़चन संविधान है. पिछले महीने हुए संशोधन में साफ लिखा गया है कि सीडीएफ का पद पाकिस्तान आर्मी के फोर स्टार जनरल को ही मिलेगा.
यदि एयरफोर्स चीफ को यह पद देना है तो फिर से संविधान बदलना पड़ेगा. हालांकि पाकिस्तान में सेना के प्रभाव के कारण संविधान संशोधन मुश्किल नहीं माना जाता लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या असीम मुनीर इतनी आसानी से यह पद अपने हाथ से जाने देंगे. इसी कारण पाकिस्तान में सैन्य टकराव की स्थिति बन रही है.