Operation Sindoor: भारत के पाकिस्तान और पाकिस्तान ऑक्यूपाइड कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत की गई एयर स्ट्राइक ने पाकिस्तान में खलबली मचा दी है. इस हमले के बाद पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय से गुहार लगा रहा है, लेकिन उसके दावों की पोल अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने खोल दी है. पाकिस्तानी सूचना मंत्री अताउल्लाह तराड़ ने विदेशी मीडिया को दिए इंटरव्यू में कई झूठे दावे किए, जिन्हें एंकर ने फैक्ट के साथ गलत साबित कर दिया है.
पाकिस्तानी सूचना मंत्री अताउल्लाह तराड़ ने स्काई न्यूज को दिए इंटरव्यू में दावा किया कि भारत ने आधी रात को पांच अलग-अलग स्थानों पर हमले किए, जिसमें कई लोग मारे गए. उन्होंने कहा, 'हम विदेशी और स्थानीय पत्रकारों को बहावलपुर और मुरितक ले जाने की योजना बना रहे थे. हमारा विमान तैयार था.' तराड़ ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान में कोई आतंकी शिविर नहीं हैं और वह आतंकवाद के खिलाफ सबसे बड़ा लड़ाका है. उन्होंने कहा, 'हमने आतंकवाद के खिलाफ जंग में 90,000 जानें गंवाई हैं.'
तराड़ के दावों पर स्काई न्यूज के एंकर ने कड़े सवाल उठाए. एंकर ने याद दिलाया कि पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हाल ही में स्वीकार किया था कि पाकिस्तान ने दशकों तक आतंकी संगठनों को समर्थन, फंडिंग और ट्रेनिंग दिया है. पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ, पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और बिलावल भुट्टो भी इस नीति को सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर चुके हैं. एंकर ने कहा, '2018 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान की सैन्य सहायता यह कहकर बंद कर दी थी कि वह आतंकियों को पनाह देता है. ऐसे में आपका 'कोई आतंकी शिविर नहीं' का दावा आपके ही नेताओं के बयानों से मेल नहीं खाता.'
जब तराड़ ने दावा किया कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ मोर्चे पर है, तो एंकर ने तीखा पलटवार करते हुए कहा, 'मैं पाकिस्तान गया हूं और हम जानते हैं कि ओसामा बिन लादेन एबटाबाद में पाया गया था.' एंकर ने पूछा कि पाकिस्तान बार-बार भारत पर आरोप लगाता है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय को कभी संतुष्ट नहीं कर पाया. क्या यह सिर्फ प्रोपेगैंडा नहीं है? इस पर तराड़ ने कहा कि भारत उनकी संप्रभुता का उल्लंघन कर रहा है और वह जवाब देने के लिए तैयार हैं.
एंकर ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र किया, जिसमें पर्यटकों पर हमला हुआ था. इसकी जिम्मेदारी 'द रेसिस्टेंस फ्रंट' ने ली थी, जिसे लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी माना जाता है. तराड़ ने कहा, 'भारत के पास कोई सबूत नहीं है. हम जांच के लिए तैयार थे, यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र और दूसरे देशों को शामिल करने को कहा था. लेकिन भारत ने जांच से इनकार कर सीधे हमला कर दिया.'