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बिना परमाणु बम के भी दुनिया के ये देश हैं सुपरपावर! आखिर क्यों नहीं बनाते न्यूक्लियर हथियार?

कुछ देशों ने अपनी सुरक्षा के लिए परमाणु हथियारों पर नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय गठबंधनों पर भरोसा किया है. जैसे जापान और जर्मनी अमेरिका के साथ मिलकर अपनी सुरक्षा को सुनिश्चित करते हैं. ये देश नाटो और दूसरे डिफेंस समझौतों के जरिए किसी भी खतरे से निपटने में सक्षम हैं.

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Edited By: Reepu Kumari
Non Nuclear Countries
Courtesy: Pinterest

Non Nuclear Countries: जब भी हम ताकतवर देशों की बात करते हैं, तो सबसे पहले जहन में परमाणु हथियारों की तस्वीर आती है. आज कई देशों के पास परमाणु हथियार है. यहीं वजह है कि दुनिया डरती भी है कि कहीं कोई देश गलत कदम ना उठा ले. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में कुछ ऐसे भी देश हैं जो परमाणु बम नहीं रखते, फिर भी दुनिया में उनकी धाक है?

ये देश आर्थिक, तकनीकी, सैन्य और कूटनीतिक ताकत के दम पर इतने मजबूत हैं कि परमाणु हथियार की जरूरत ही महसूस नहीं करते. चलिए जानते हैं कौन-कौन से हैं ये देश और आखिर इन्होंने न्यूक्लियर पावर बनने से खुद को क्यों रोका है.

आर्थिक ताकत से चलती है दुनिया

जर्मनी, जापान और कनाडा जैसे देश भले ही परमाणु हथियार न रखते हों, लेकिन इनकी आर्थिक ताकत इतनी जबरदस्त है कि पूरी दुनिया में इनकी बात सुनी जाती है. ये देश वैश्विक व्यापार, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन में आगे हैं. इनकी मजबूत इकोनॉमी और स्थिर पॉलिटिक्स इन्हें बिना हथियारों के भी शक्तिशाली बनाती है.

शांति की नीति और वैश्विक भरोसा

जापान और जर्मनी जैसे देशों ने द्वितीय विश्व युद्ध के बाद परमाणु हथियार न बनाने की कसम खाई थी. इन्होंने खुद को शांति और विकास की राह पर आगे बढ़ाया. संयुक्त राष्ट्र, जी7 और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इनकी साख इतनी मजबूत है कि न्यूक्लियर हथियार के बिना भी इनका सम्मान कम नहीं होता.

सुरक्षा गठबंधन से मिलती है ताकत

कुछ देशों ने अपनी सुरक्षा के लिए परमाणु हथियारों पर नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय गठबंधनों पर भरोसा किया है. जैसे जापान और जर्मनी अमेरिका के साथ मिलकर अपनी सुरक्षा को सुनिश्चित करते हैं. ये देश नाटो और दूसरे डिफेंस समझौतों के जरिए किसी भी खतरे से निपटने में सक्षम हैं.

सबसे पहला परमाणु हमला

जापान के नागासाकी पर सबसे पहले अमेरिका ने परमाणु हमला किया था. इसका दंश आज भी ये देश झेल रहा है. आज भी वहां कई बच्चे अपंग पैदा होता हैं.  दुनिया में जब पहली बार परमाणु बम का इस्तेमाल हुआ था, तब किसी ने नहीं सोचा था कि इंसान इतनी बड़ी तबाही भी ला सकता है. यह हमला सिर्फ एक देश पर नहीं था, बल्कि पूरी मानवता पर एक ऐसा ज़ख्म था, जो आज तक भरा नहीं है.

यह हमला हुआ था 6 अगस्त 1945 को, जब अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा शहर पर पहला परमाणु बम गिराया. इसके तीन दिन बाद नागासाकी पर दूसरा बम गिराया गया. इन दो हमलों ने न सिर्फ जापान को झुका दिया, बल्कि दुनिया को परमाणु हथियारों की विनाशकारी ताकत का अंदाजा भी पहली बार हुआ.

लिटिल बॉय' की तबाही

अमेरिका ने 'लिटिल बॉय' नाम का परमाणु बम 6 अगस्त 1945 को हिरोशिमा पर गिराया. बम गिरते ही पूरा शहर जल उठा. एक ही पल में करीब 70,000 से ज्यादा लोग मारे गए और लाखों जख्मी हो गए. हजारों लोगों की जान अगले कुछ महीनों और सालों में रेडिएशन से गई. पूरा शहर तबाह हो गया और मानव इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदी बन गई.