BRICS 2025: रविवार को ब्रिक्स वार्षिक शिखर सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित करने और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के लिए वैश्विक मानकों की स्थापना पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देशों को महत्वपूर्ण खनिजों और प्रौद्योगिकी की आपूर्ति को मजबूत करने के लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए, ताकि कोई भी देश इन संसाधनों का दुरुपयोग अपने "स्वार्थी लाभ" या "हथियार" के रूप में न कर सके.
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, "हमें महत्वपूर्ण खनिजों और प्रौद्योगिकी की आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता है. यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि कोई भी देश इन संसाधनों का उपयोग अपने स्वार्थ के लिए या दूसरों के खिलाफ हथियार के रूप में न करे." उनकी यह टिप्पणी चीन द्वारा महत्वपूर्ण खनिजों के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंधों और उसकी अपारदर्शी नीतियों के संदर्भ में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है. लिथियम, निकल और ग्रेफाइट जैसे खनिज इलेक्ट्रिक वाहनों, ड्रोन और बैटरी स्टोरेज जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियों के लिए आवश्यक हैं.
एआई के लिए वैश्विक मानक और भारत की पहल
एआई के बढ़ते प्रभाव पर चर्चा करते हुए, पीएम मोदी ने इसके लाभों और जोखिमों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, "हमारा मानना है कि चिंताओं के समाधान और नवाचार को प्रोत्साहित करने को एआई शासन में समान महत्व दिया जाना चाहिए. हमें जिम्मेदार एआई के लिए मिलकर काम करना चाहिए." उन्होंने डिजिटल सामग्री की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक मानकों की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि पारदर्शिता बनी रहे और दुरुपयोग रोका जा सके. इसके लिए भारत अगले वर्ष "एआई इम्पैक्ट शिखर सम्मेलन" का आयोजन करेगा, जो इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा.
ब्रिक्स और वैश्विक दक्षिण की आकांक्षाएं
मोदी ने ब्रिक्स न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) की भूमिका पर जोर देते हुए कहा, "ब्रिक्स न्यू डेवलपमेंट बैंक के रूप में, हमने वैश्विक दक्षिण के देशों की विकास आकांक्षाओं का समर्थन करने के लिए एक मजबूत और विश्वसनीय विकल्प पेश किया है." उन्होंने एनडीबी से मांग-संचालित दृष्टिकोण और दीर्घकालिक वित्तीय स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया. साथ ही, उन्होंने ब्रिक्स कृषि अनुसंधान मंच का उदाहरण देते हुए कहा कि यह मंच जलवायु परिवर्तन अनुकूलन और सटीक खेती जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा दे सकता है.
वैश्विक दक्षिण के लिए भारत की प्रतिबद्धता
प्रधानमंत्री ने ब्रिक्स विज्ञान एवं अनुसंधान भंडार के निर्माण का प्रस्ताव रखा, जो वैश्विक दक्षिण के लिए एक मूल्यवान संसाधन साबित हो सकता है. उन्होंने कहा, "वैश्विक दक्षिण को हमसे बहुत उम्मीदें हैं. उन्हें पूरा करने के लिए हमें 'उदाहरण के द्वारा नेतृत्व' के सिद्धांत का पालन करना होगा." भारत ने अपने साझा लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए ब्रिक्स देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने की प्रतिबद्धता दोहराई.
शिखर सम्मेलन में अनुपस्थित रहे प्रमुख नेता
ब्राजील के समुद्र तटीय शहर रियो डी जनेरियो में आयोजित इस शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन और मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल-फतह अल-सिसी शामिल नहीं हुए. फिर भी, ब्रिक्स विश्व की 11 उभरती अर्थव्यवस्थाओं का एक प्रभावशाली मंच बना हुआ है, जो वैश्विक जनसंख्या का 49.5% और वैश्विक व्यापार का 26% प्रतिनिधित्व करता है.