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India Daily

छात्रों के सपनों पर बरसी मौत, म्यांमार आर्मी की बमबारी में 19 की मौत और 22 घायल

Myanmar air strike: म्यांमार के राखाइन राज्य में सैन्य हवाई हमले में कम से कम 19 हाई स्कूल के छात्रों की मौत हो गई, जबकि 22 अन्य घायल हो गए. एथनिक सशस्त्र समूह अरकान आर्मी ने इस हमले की जिम्मेदारी सेना पर डाली है.

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Edited By: Kuldeep Sharma
Myanmar air strike
Courtesy: x

Myanmar air strike: म्यांमार के पश्चिमी राखाइन राज्य में शुक्रवार देर रात सैन्य हवाई हमले में 19 छात्रों की मौत और 22 घायल होने की खबर है. इस हमले में दो निजी हाई स्कूलों को निशाना बनाया गया. घटना की जानकारी स्थानीय एथनिक सशस्त्र समूह अरकान आर्मी ने अपने टेलीग्राम चैनल पर दी. यूनीसेफ ने इसे 'क्रूर हमला' बताते हुए बच्चों और परिवारों पर पड़ रहे बढ़ते खतरों की चिंता व्यक्त की.

अरकान आर्मी ने बताया कि क्यौक्तॉव टाउनशिप में रात के समय दो हाई स्कूलों पर हवाई हमले किए गए. हमला देर रात लगभग 12 बजे हुआ, जब छात्र सो रहे थे. इस हमले में 15 से 21 साल की उम्र के 19 छात्र मारे गए और 22 अन्य घायल हुए. एथनिक समूह ने बयान में कहा कि वे निर्दोष छात्रों की मौत पर शोक व्यक्त करते हैं और इसे सेना की जिम्मेदारी ठहराया.

सेना और विपक्ष की लड़ाई

राखाइन में अरकान आर्मी और म्यांमार की सैन्य सरकार के बीच पिछले साल से संघर्ष जारी है. यह संघर्ष उस क्षेत्र में नियंत्रण को लेकर है, जहां पिछले साल सेना ने कई इलाकों पर कब्जा किया था. 2021 में आंग सान सू की की सरकार का तख्तापलट करने के बाद से म्यांमार में व्यापक सशस्त्र विद्रोह फैल चुका है, और सेना को कई मोर्चों पर विपक्ष का सामना करना पड़ रहा है.

स्थानीय मीडिया और यूनीसेफ की प्रतिक्रिया

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सेना के विमान ने हाई स्कूल पर दो 500 पाउंड के बम गिराए. यूनीसेफ ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह हिंसा का लगातार बढ़ता पैटर्न है और इसका सबसे अधिक बोझ बच्चे और उनके परिवार उठाते हैं. इंटरनेट और फोन सेवाओं की कमी के कारण क्यौक्तॉव के आसपास वास्तविक स्थिति तक पहुंचना मुश्किल है.

सेना के खिलाफ आरोप

एएफ़पी की ओर से सेना के प्रवक्ता से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. पिछले वर्षों में सेना पर नागरिक इलाकों को निशाना बनाने, हवाई और तोपखाने के हमले करने के आरोप लगातार लगते रहे हैं. इस हमले ने फिर से म्यांमार में बच्चों और आम नागरिकों के जीवन की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं.