Punjab floods tragedy: बाढ़ की त्रासदी से उबरने की कोशिश कर रहे पंजाब के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने घोषणा की है कि राज्य सरकार 100 करोड़ रुपए की लागत से पुनर्वास और सफाई अभियान शुरू करेगी.
इस अभियान में गांव-गांव जाकर कीचड़ और मलबे को हटाने से लेकर मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराने और पशुओं के लिए विशेष इंतजाम करने तक की पूरी योजना तैयार की गई है. सीएम मान ने साफ कहा कि सरकार का मकसद सिर्फ सफाई नहीं, बल्कि लोगों और पशुओं की सेहत की रक्षा करना और गांवों को जल्द से जल्द सामान्य जीवन की ओर ले जाना है.
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बताया कि बाढ़ का पानी धीरे-धीरे उतर रहा है लेकिन गांवों और कस्बों में भारी मात्रा में कीचड़ और गंदगी फैल गई है. इस स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार ने 2300 प्रभावित गांवों में बड़े पैमाने पर सफाई अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है. इसके लिए टीमें बनाई गई हैं, जिनके पास जेसीबी मशीनें, ट्रैक्टर-ट्रॉलियां और पर्याप्त श्रमिक मौजूद होंगे. उनका काम होगा गांवों से कीचड़ और मलबा हटाकर पूरी तरह साफ-सफाई सुनिश्चित करना.
मुख्यमंत्री ने आशंका जताई कि बाढ़ के दौरान बड़ी संख्या में जानवरों की मौत हुई है. सफाई टीमें इन मृत पशुओं का उचित निपटारा करेंगी ताकि किसी तरह की बीमारी न फैले. इसके बाद प्रत्येक गांव में फॉगिंग और कीटाणुनाशक छिड़काव किया जाएगा. सरकार ने इसके लिए शुरुआती तौर पर प्रत्येक गांव को एक-एक लाख रुपए की राशि जारी कर दी है. सीएम ने कहा कि 24 सितंबर तक सभी गांवों को कीचड़ और मलबे से मुक्त कर दिया जाएगा और 15 अक्टूबर तक सार्वजनिक स्थलों की मरम्मत पूरी कर ली जाएगी.
मान सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं पर भी विशेष जोर दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी 2303 प्रभावित गांवों में मेडिकल कैंप लगाए जाएंगे. जिन 596 गांवों में पहले से आम आदमी क्लीनिक हैं, वहां स्वास्थ्य सेवाएं और दवाइयां उपलब्ध कराई जाएंगी. शेष 1707 गांवों में कैंप स्कूलों, धर्मशालाओं और पंचायत भवनों जैसी सामुदायिक जगहों पर लगाए जाएंगे. इसके लिए 550 एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई है ताकि किसी भी बीमार व्यक्ति को तत्काल चिकित्सा सेवा मिल सके.
सीएम मान ने बताया कि 713 गांवों में लगभग 2.50 लाख पशु बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. उनके लिए विशेष टीमें बनाई गई हैं, जो पशुओं की जांच और इलाज करेंगी. सभी प्रभावित जानवरों का टीकाकरण 30 सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा. पशु चिकित्सक गांव-गांव जाकर चारा और पानी को कीटाणुमुक्त करने के लिए पोटाशियम परमैंगनेट उपलब्ध कराएंगे. साथ ही, खराब चारा और मलबा हटाने का काम भी सरकार करेगी ताकि पशुपालकों को किसी तरह की परेशानी न हो.
मुख्यमंत्री ने किसानों की चिंताओं पर भी बात की. उन्होंने कहा कि पंजाब में धान की खरीद 16 सितंबर से शुरू हो रही है और इसके लिए मंडियों में सभी जरूरी इंतजाम कर लिए गए हैं. बाढ़ से प्रभावित मंडियों की बड़े पैमाने पर सफाई और मरम्मत हो रही है और 19 सितंबर तक सभी मंडियां खरीद के लिए तैयार हो जाएंगी. मान ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसानों को उनकी उपज बेचने में कोई दिक्कत न हो.
सीएम मान ने कहा कि बाढ़ की त्रासदी के समय जैसे सभी लोगों ने एकजुट होकर मुश्किल का सामना किया था, वैसे ही अब सफाई और पुनर्वास अभियान में भी सहयोग करना जरूरी है. उन्होंने गैर-सरकारी संगठनों, युवा क्लबों और सामाजिक संस्थाओं से अपील की कि वे सरकार का साथ दें. उनका कहना था कि इस अभियान का उद्देश्य सिर्फ सफाई नहीं बल्कि पंजाब को फिर से स्वस्थ और सुरक्षित बनाना है.
मुख्यमंत्री ने भाजपा पर आरोप लगाया कि उन्होंने संकट की घड़ी में पंजाब का साथ नहीं दिया. उन्होंने कहा कि भाजपा अब झूठी बयानबाजी कर रही है, जबकि सच यह है कि 2010 से अब तक राज्य आपदा राहत कोष (SDRF) में 5012 करोड़ रुपए आए, जिनमें से 3820 करोड़ राहत कार्यों पर खर्च किए जा चुके हैं. सीएम ने कहा कि विपक्ष बेवजह राजनीति न करे, बल्कि पंजाब को दोबारा खड़ा करने में मदद करे. उन्होंने भरोसा जताया कि पंजाब इस आपदा से मजबूती के साथ उभरेगा और ‘रंगला पंजाब’ बनने की राह पर आगे बढ़ेगा.