पूर्व केंद्रीय बैंकर मार्क कार्नी ने शुक्रवार को कनाडा के प्रधानमंत्री के रूप में औपचारिक रूप से शपथ ग्रहण की. इस पद पर आते ही उनकी पहली बड़ी चुनौती अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के संभावित टैरिफ से निपटना होगी, जो व्यापार पर निर्भर कनाडाई अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदेह साबित हो सकते हैं.
शपथ ग्रहण समारोह
शपथ ग्रहण समारोह में गवर्नर जनरल मैरी साइमन मौजूद थीं, जो कनाडा के राष्ट्राध्यक्ष किंग चार्ल्स की निजी प्रतिनिधि हैं. उनके सामने मार्क कार्नी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. यह समारोह कनाडा की राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक बना.
Mark Carney has been sworn in as the new Prime Minister of Canada!
Don't let Donald Trump push you around, Mark! pic.twitter.com/8yeS9I1Dh9— Art Candee 🍿🥤 (@ArtCandee) March 14, 2025Also Read
कार्नी का पहला बयान
शपथ लेने के बाद मार्क कार्नी ने कहा, "आज हम एक ऐसी सरकार बना रहे हैं, जो मौजूदा चुनौतियों का जवाब दे सके. कनाडाई लोग कार्रवाई की उम्मीद करते हैं और हमारी टीम यही देगी. एक छोटी, अनुभवी कैबिनेट के साथ हम तेजी से काम करेंगे, हमारी अर्थव्यवस्था को सुरक्षित करेंगे और कनाडा के भविष्य की रक्षा करेंगे." उनके इस बयान से साफ है कि वे देश की आर्थिक स्थिरता और विकास को प्राथमिकता देने जा रहे हैं.
चुनौतियों का सामना
कनाडा की अर्थव्यवस्था बड़े पैमाने पर अमेरिका के साथ व्यापार पर निर्भर है. ऐसे में ट्रंप प्रशासन की ओर से लगाए जा सकने वाले टैरिफ कनाडा के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकते हैं. कार्नी, जो पहले बैंक ऑफ कनाडा और बैंक ऑफ इंग्लैंड के गवर्नर रह चुके हैं, अपने वित्तीय अनुभव का इस्तेमाल कर इन चुनौतियों से निपटने की कोशिश करेंगे. उनकी नियुक्ति को कनाडा के लिए एक मजबूत नेतृत्व के तौर पर देखा जा रहा है.
उम्मीदों का नया दौर
मार्क कार्नी का प्रधानमंत्री बनना कनाडाई लोगों के लिए नई उम्मीद लेकर आया है. उनका अनुभव और आर्थिक समझ उन्हें वैश्विक मंच पर कनाडा की स्थिति को मजबूत करने में मदद कर सकती है. अब सबकी नजर इस बात पर है कि वे अपने वादों को कैसे पूरा करते हैं और देश को आगे ले जाते हैं.