पेरिस: फ्रांस की राजधानी पेरिस स्थित विश्वप्रसिद्ध लूवर संग्रहालय से करोड़ों डॉलर मूल्य के कीमती रत्नों की चोरी के मामले में पुलिस ने दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है.
यह घटना 19 अक्टूबर की सुबह घटी थी, जब चोरों ने फिल्मी अंदाज में संग्रहालय की ऊपरी मंजिल की खिड़की क्रेन से तोड़कर प्रवेश किया और करीब 10.2 करोड़ डॉलर (लगभग 850 करोड़ रुपये) के आठ बहुमूल्य रत्न लेकर फरार हो गए.
चोरी से गुस्से में फ्रांसवासी
इस साहसिक चोरी ने पूरे फ्रांस को झकझोर दिया. आम लोगों से लेकर कला जगत तक में इसे राष्ट्रीय शर्मिंदगी बताया गया. कई नागरिकों ने सरकार से सुरक्षा इंतजामों को लेकर कड़ी नाराजगी जताई.
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‘मरम्मत कर्मचारियों’ के भेष में आए थे चोर
जांच में पता चला है कि चोरों ने बेहद चालाकी से इस वारदात को अंजाम दिया. वे सुबह करीब 9:30 बजे मरम्मत कर्मचारियों जैसे कपड़े पहनकर पहुंचे और एक मालवाहक लिफ्ट वाले ट्रक को संग्रहालय के बाहर सीन नदी के किनारे क्वाई फ्रांस्वा मिटर्रैंड पर पार्क कर दिया.
उन्होंने ट्रैफिक कोन लगाकर ऐसा माहौल बनाया जैसे कोई रखरखाव कार्य चल रहा हो. इसके बाद दो लोग सीढ़ी के सहारे ऊपर चढ़े और खिड़की से अंदर घुस गए.
सिर्फ चार मिनट में पूरी हुई चोरी
सुबह 9:34 बजे, दोनों चोर अपोलो गैलरी में दाखिल हुए. उसी वक्त सुरक्षा अलार्म बज उठा और कंट्रोल रूम को रेडियो पर सूचना दी गई. लेकिन मात्र एक मिनट में, लुटेरों ने डिस्क कटर से दो डिस्प्ले केसों के शीशे काटे और रत्न समेट लिए.
संग्रहालय के अधिकारी तुरंत हरकत में आए और आगंतुकों को बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू की. पुलिस को फोन कर तुरंत मदद मांगी गई, लेकिन तब तक चोर अपनी योजना पर आगे बढ़ चुके थे.
दो स्कूटरों पर हुई फरारी
सुबह 9:38 बजे, चोर उसी खिड़की से बाहर निकले और वहां पहले से इंतजार कर रहे दो अन्य साथियों के साथ स्कूटर पर भाग निकले. वे अपने पीछे पीली जैकेट, औजार और डिस्क कटर छोड़ गए ताकि घटना को मरम्मत कार्य जैसा दिखाया जा सके.
पुलिस जांच जारी
पेरिस के अभियोजक लॉरेंस बेक्वाउ के अनुसार, चोरों ने वारदात से पहले ट्रक किराए पर लेने के लिए कंपनी से अपॉइंटमेंट लिया था, जिससे शक न हो. उन्होंने धमकी दी थी, लेकिन हिंसा नहीं की. फिलहाल दोनों गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी है, जबकि चोरी गए रत्नों की तलाश में पुलिस की कई टीमें लगी हैं.