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नॉर्थ कोरिया का टूरिज्म धमाका: किम जोंग तैयार कर रहे हैं दुनिया का अनोखा बीच रिसॉर्ट, पर्यटन को बनाया अपना नया हथियार

नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन चीन की तर्ज पर किम टूरिज्म सेक्टर को प्रमोट कर रहे हैं. नॉर्थ कोरिया का पहला बीच रिसॉर्ट 2024 की क्रिसमस तक इंटरनेशनल टूरिज्म के लिए रेडी है.

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Antriksh Singh
kim jong un beach resort

हाइलाइट्स

  • चीन की नकल कर नॉर्थ कोरिया ने बनाया अपना पहला बीच रिसॉर्ट 
  • 2024 के क्रिसमस पर होगा उद्घाटन

नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन देश की इकोनॉमी दुरुस्त करने की कोशिश कर रहे हैं. अपने दोस्त चीन की तर्ज पर किम टूरिज्म सेक्टर को प्रमोट कर रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- नॉर्थ कोरिया का पहला बीच रिसॉर्ट 2024 की क्रिसमस तक शुरू हो जाएगा.

देश की अर्थव्यवस्था का मामला

नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग अपने देश की अर्थव्यवस्था को ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए किम टूरिज्म सेक्टर को प्रमोट कर रहे हैं. इसकी प्रेरणा उनको अपने ही दोस्त चीन से मिली है. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो किम ने नॉर्थ कोरिया का पहला बीच रिसॉर्ट 2024 के क्रिसमस तक शुरू करने की योजना बनाई है.

क्या कोई कोरिया आना चाहेगा?

टूरिज्म प्रमोट करने की सबसे खास बात यह है कोरिया फिर ऐसे कई देशों के लिए ओपन हो जाएगा जो यहां की नीतियों के मुखर आलोचकों में शामिल भी हैं. देखना दिलचस्प होगा कि ऐसे देशों के नागरिक कोरिया के इस हिस्से की यात्रा करना चाहेंगे या नहीं. रिपोर्ट्स के मुताबिक ब्रिटेन समेत कई दूसरे देशों के लोगों को टूरिस्ट वीजा जारी किया जा सकता है. 

कोरोना की वजह से हुई थी प्रोजेक्ट में देरी

ब्रिटिश अखबारों के मुताबिक किम ने 2017 में वोनसान काल्मा इलाके में इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी. यहां नॉर्थ कोरिया का पश्चिमी समुद्री किनारा है. लेकिन इसी दौर में कोरोना की लहर में ये प्रोजेक्ट भी ठप हो गया.

अब स्थिति सामान्य होने के बाद किम ने इसे जल्द से जल्द पूरा करने के आदेश दिए हैं.  जैसा की एक आधुनिक बीच रिसोर्ट में जो आप अपेक्षित कर सकते हैं, वैसा ही कोरिया के इस बीच रिसॉर्ट में वॉटर पार्क, बेहतरीन होटल्स, एयरपोर्ट और लग्जरी फेसेलिटीज मौजूद रहेंगी. कुछ महीने में यह पूरा हो जाएगा.

विदेशी टूरिस्टों में डर का मौहाल

नॉर्थ कोरिया की सबसे बड़ी चुनौती टूरिज्म के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेप करना नहीं है बल्कि इंटरनेशनल टूरिस्ट को आमंत्रण देना है.  ब्रिटिश टूरिस्ट्स जैसे घूमने वाले लोगों को लुभाने के लिए नॉर्थ कोरिया की कंपनियां स्पेशल टूर पैकेज अनाउंस भी कर सकती है.

लेकिन समस्या ये है कि कोरिया जैसे खतरनाक देश में कौन आना चाहेगा जहां की राजधानी प्योंगयांग में ही लोगों को कुछ समझ नहीं आता.  तो बाकी हिस्सों का क्या ही हाल होगा? टूरिस्टों का आमतौर पर यही डर रहता है कि वे कोरिया गए और उन्हें छोटी-मोटी चीजों के लिए गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

हालांकि विशेषज्ञों के मुताबिक नए रिसॉर्ट में चीजें बहुत आसान रखी जाएंगी. फिर भी ब्रिटेन का फॉरेन ऑफिस यही सलाह देता है कि लोग नॉर्थ कोरिया की यात्रा से बचें. क्योंकि वहां सुरक्षा के हालात बहुत जल्द बदल जाते हैं. टूरिस्टों को इसके बारे में पहले से पता भी नहीं चल पाता.

किम जोंग उन की सरकार पर लगातार न्यूक्लियर और मिसाइल टेस्ट का आरोप लगता रहा है. पड़ोसियों से उनका विवाद कुख्यात है. बल्कि कई एक्सपर्ट को तो यह जानकर हैरानी हुई कि नॉर्थ कोरिया और किम जोंग अब टूरिज्म की बात कर रहे हैं. कोरिया को अपना टूरिज्म ठीक करना है तो पहले डिप्लोमैटिक लेवल पर चीजों को ठीक करना जरूरी है.

टूरिज्म की हकीकत

एक्सपर्ट के मुताबिक अगर किम जोन चीन के रास्ते पर तो चलना चाहते हैं तो कुछ बुनियादी कदम हर हाल में उठाने होंगे. दुनिया का भरोसा जीतना होगा.  वो इस रिसॉर्ट को बाकी देशों जैसा भव्य बनाने के लिए उन देशों जैसा माहौल देना होगा. 

खैर इस प्रोजेक्ट का 90% काम पूरा हो चुका है. 150 बिल्डिंग्स बनाने में किम को चीन और रूस ने भी कथित तौर पर मदद दी है. दुनियाभर से लगी पाबंदियों के चलते तबाह हो चुकी अर्थव्यवथा को सुधारने का ये प्रयास कितना रंग लाएगा ये तो वक्त ही तय करेगा. लेकिन इतना साफ है कि कोरिया को दुनिया की मदद, इन्वेस्टमेंट की सख्त जरूरत है. केवल चीन और रूस की मदद के साथ ये देश हमेशा के लिए बच नहीं पाएगा.

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