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India Daily

बेंगलुरु में दो वरिष्ठ नागरिकों से 80 लाख की ठगी, डर के मारे FD तुड़वाकर ठगों के खाते में जमा कराए पैसे

बेंगलुरु में दो वरिष्ठ नागरिकों को फर्जी पुलिस और आरबीआई अधिकारियों के नाम पर 80.5 लाख रुपये की ठगी का शिकार बनाया गया. व्हाट्सऐप कॉल के जरिये धमकाकर दोनों से कई खातों में पैसे ट्रांसफर करवाए गए.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
Two senior citizens in Bengaluru were duped of Rs 80 lakh
Courtesy: Social media

बेंगलुरु में साइबर ठगी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें दो वरिष्ठ नागरिकों से 80.5 लाख रुपये हड़प लिए गए. ठगों ने खुद को पुलिस और आरबीआई अधिकारी बताकर व्हाट्सऐप कॉल के जरिए पीड़ितों पर दबाव बनाया और उन्हें फर्जी मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाने की धमकी दी. डर के माहौल में दोनों ने अपनी फिक्स्ड डिपॉजिट तक तोड़कर भारी रकम अलग-अलग खातों में जमा कर दी. शिकायत के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

फर्जी RBI अधिकारी बनकर की ठगी

शिकायत के अनुसार 74 वर्षीय पीड़ित को 30 अक्टूबर को एक अज्ञात नंबर से व्हाट्सऐप कॉल आया. कॉलर ने खुद को डीसीपी का सहायक बताया और दावा किया कि उनके पास पीड़ित का आधार, बैंक जानकारी और व्यक्तिगत दस्तावेज मौजूद हैं. उसने धमकी दी कि पीड़ित और उसकी बहन के बैंक खातों में संदिग्ध धन है, जिसकी आरबीआई द्वारा जांच की जाएगी.

डरा धमकाकर ली बैंक डिटेल

डरते हुए पीड़ित ने अपनी बैंक डिटेल्स साझा कर दीं. इसके बाद ठगों ने उसे 30 लाख रुपये की पोस्ट ऑफिस एफडी तोड़ने और अगले दिन 35 लाख रुपये दो खातों में ट्रांसफर करने का दबाव बनाया. कॉल अलग-अलग भारतीय और अंतरराष्ट्रीय नंबरों से आते रहे, जिससे पीड़ित लगातार भय में था.

 घर से न निकलने और किसी से बात न करने की चेतावनी

ठगों ने पीड़ित और उसकी बहन को कहा कि वे घर से बाहर न निकलें और किसी से संपर्क न करें, क्योंकि उन पर निगरानी हो रही है. 3 नवंबर को बहन ने भी अपना एफडी तोड़कर राशि एसबीआई खाते में जमा की और अगले दिन 16 लाख तथा 19,00,047 रुपये ठगों द्वारा बताए गए खातों में भेज दिए.

कुल नुकसान 80.5 लाख रुपये तक पहुंचा

10 नवंबर को एक बार फिर 10.5 लाख रुपये पीड़ित के icici खाते से उन्हीं खातों में भेजे गए. धीरे-धीरे दोनों वरिष्ठ नागरिकों से कुल 80.5 लाख रुपये निकलवा लिए गए. लगातार मिल रही धमकियों के कारण वे धोखे को समझ नहीं पाए.

 शिकायत के बाद पुलिस जांच शुरू

29 नवंबर को एक और व्हाट्सऐप कॉल में पीड़ित को थाने बुलाया गया, जिसके बाद उसने पूरी घटना पुलिस को बताई. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर अज्ञात कॉलरों की तलाश शुरू कर दी है. अधिकारी साइबर ट्रेल और बैंक खातों की जांच कर रहे हैं.