नई दिल्ली: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी ने पाक सरकार की आतंक नीति का खुलासा करते हुए कहा कि केंद्रीय सरकार जानबूझकर फर्जी आतंकवादी हमलों को भड़का रही है.
अफरीदी ने आरोप लगाया कि यह कदम प्रदेश में शांति प्रयासों को रोकने और अपनी राजनीतिक योजनाओं को आगे बढ़ाने के लिए उठाया गया है. उनकी यह टिप्पणी अफगानिस्तान की सीमा के पास बढ़ती हिंसा के बीच आई, जहां हाल ही में नागरिकों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पें हुई हैं.
सोहेल अफरीदी ने स्पष्ट किया कि पाक सरकार अपने राजनीतिक फायदे के लिए खैबर पख्तूनख्वा में आतंक को भड़का रही है. उन्होंने कहा कि कुछ शक्तिशाली संघीय एलीमेंट फर्जी हमलों से लाभ उठाते हैं. उन्होंने हाल के PTM सदस्यों के अपहरण को केंद्र सरकार द्वारा चलाए जा रहे शांति प्रयासों को बाधित करने वाला कदम बताया. अफरीदी ने जोर देकर कहा कि यह आतंक पूरी तरह से निर्मित है और जनता की इच्छा के खिलाफ इसे लागू किया जा रहा है.
अफरीदी ने कहा कि अपहरण यह दर्शाता है कि केंद्रीय सरकार के गहरे हित दशकों से खैबर पख्तूनख्वा में स्थिरता के रास्ते में बाधा डालते रहे हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि जनता इस निर्मित आतंक और पीछे से लिए गए फैसलों से तंग आ चुकी है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि जो कोई भी हमारी शांति को भंग करेगा या धार्मिक मूल्यों का अपमान करेगा, वह आम दुश्मन है, और हम कभी भी आत्मसमर्पण नहीं करेंगे.
अफरीदी ने पाक सेना पर भी गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि सेना आतंकवाद विरोधी संचालन का बहाना बनाकर नागरिकों को निशाना बना रही है. उन्होंने बताया कि टीराह घाटी में हाल ही में एयर स्ट्राइक में 30 से अधिक नागरिक, जिनमें महिलाएं और बच्चे शामिल थे, मारे गए. अफ्रीदीने कहा कि यह संघर्ष और सैन्य कार्रवाई लोगों की सुरक्षा और अधिकारों के लिए गंभीर खतरा हैं.
खैबर पख्तूनख्वा में हाल ही में पाक और अफगान तालिबान के बीच सीमा पर झड़पें हुईं. अफरीदी ने कहा कि सीमा विवाद के समाधान में असमानता है। पाकिस्तान आंशिक समाधान और प्रचारित वार्ता का लाभ उठाता है, जबकि खैबर पख्तूनख्वा स्थायी समाधान चाहता है. उन्होंने अफगानिस्तान के साथ शांति प्रयासों को बाधित करने वाले केंद्र सरकार के कदमों की निंदा की और कहा कि उनका लक्ष्य क्षेत्रीय स्थिरता सुनिश्चित करना है.
अफरीदी ने कहा कि खैबर पख्तूनख्वा में स्थिरता के लिए अब केवल राजनीतिक इच्छाशक्ति और जनता की भागीदारी की आवश्यकता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि निर्माणित आतंक और सैन्य हस्तक्षेपों को रोकना प्राथमिकता होनी चाहिए. खैबर पख्तूनख्वा के लोग लंबे समय से हिंसा और अस्थिरता का सामना कर रहे हैं. अफरीदी ने केंद्र सरकार से प्रदेश के हित में कदम उठाने की मांग की और कहा कि खैबर पख्तूनख्वा का नेतृत्व अब अपने लोगों की सुरक्षा और शांति सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह तैयार है.