नई दिल्ली: पाकिस्तान में इन दिनों पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को लेकर सियासी तनाव चरम पर है. रावलपिंडी की अदियाला जेल के बाहर एक बार फिर देर रात ड्रामा देखने को मिला, जब इमरान खान की बहनों को पुलिस ने कथित तौर पर जबरदस्ती हटाया.
बहनों का आरोप है कि पुलिसवालों ने उनके बाल खींचे और उन्हें सड़क पर घसीटा. इस घटना ने पूरे देश में नई बहस छेड़ दी है. इमरान खान पिछले ढाई साल से ज्यादा समय से अदियाला जेल में बंद हैं. पिछले तीन हफ्तों से सरकार ने उनके परिवार वालों से मिलने तक पर रोक लगा रखी है.
परेशान होकर मंगलवार दोपहर इमरान की बहनें, नूरीन खानम नियाजी, अलीमा खानम और डॉक्टर उज्मा खान और कुछ पार्टी नेताओं के साथ जेल गेट के ठीक सामने धरने पर बैठ गईं. उनका कहना था कि जब तक भाई से मुलाकात नहीं करा दी जाएगी, वे हटेंगी नहीं.
धरना दिन भर शांतिपूर्ण रहा लेकिन रात साढ़े बारह बजे के करीब भारी पुलिस बल पहुंचा. आरोप है कि पुलिस ने महिलाओं को जबरन उठाया, बाल पकड़कर घसीटा और गाड़ी में डाल दिया. नूरीन खानम की तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद दूसरे लोगों ने उन्हें संभाला.
तीनों बहनों को चकरी थाने ले जाया गया लेकिन कुछ घंटों बाद ही छोड़ दिया गया. रिहा होने के बाद अलीमा खानम ने मीडिया से बात करते हुए सारी घटना विस्तार से बताई. उनका कहना था कि पुलिस ने बहुत बेरहमी से पेश आया और औरत होने का भी लिहाज नहीं किया.
खबर फैलते ही रात में ही अदियाला जेल के बाहर पीटीआई के कार्यकर्ता और नेता जमा हो गए. पार्टी के सीनेटर अल्लामा राजा नासिर ने तीखा बयान दिया. उन्होंने कहा, “इतना बुरा सलूक तो काफिर भी नहीं करते. ये यजीदी सोच वाले लोग हैं जो औरतों के साथ इस तरह का व्यवहार कर रहे हैं.”
इस पूरी घटना को कवर कर रहे पाकिस्तानी पत्रकार हरमीत सिंह भी पुलिस के गुस्से का शिकार बने. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में साफ दिख रहा है कि पुलिस उन्हें भी धक्का दे रही है और मारपीट कर रही है. पत्रकारों के साथ इस तरह का व्यवहार भी सवाल खड़े कर रहा है.