ईरान-इजरायल संघर्ष के दूसरे सप्ताह में, अमेरिका ने रविवार (22 जून) को ईरान के तीन परमाणु ठिकानों फोर्दो, नतांज, और इस्फहान पर सैन्य हमले किए. इस कार्रवाई ने मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा दिया है. इजरायली अधिकारियों ने बताया कि उन्हें अमेरिकी हमलों की पहले से जानकारी थी और यह हमला पूर्ण समन्वय के साथ किया गया.
इजरायल-अमेरिका का ज्वाइंट ऑपरेशन
इजरायल के सरकारी प्रसारक ‘कान’ के अनुसार, इजरायली अधिकारियों ने पुष्टि की कि “हमले के लिए इजरायल अमेरिका के साथ पूर्ण समन्वय में था.” इसके अलावा, इजरायली अधिकारियों ने न्यूज पोर्टल एक्सियोस को बताया कि तेल अवीव को अमेरिका के ईरान पर हमले की योजना की जानकारी थी. अमेरिका ने इन हमलों में बी-2 स्टील्थ बॉम्बर का उपयोग किया, जो विशाल बंकर बस्टर बम ले जाने में सक्षम हैं. ये विमान हमले से पहले गुआम में तैनात किए गए थे.
ट्रम्प की घोषणा: “फोर्दो खत्म हो चुका है”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर हमलों की पुष्टि करते हुए कहा, “हमने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों फोर्दो, नतांज, और इस्फहान पर बहुत सफल हमला पूरा किया है. सभी विमान अब ईरानी हवाई क्षेत्र से बाहर हैं.”उन्होंने आगे कहा, “प्राथमिक ठिकाने फोर्डो पर बमों का पूरा भार गिराया गया. सभी विमान सुरक्षित रूप से वापस लौट रहे हैं.” ट्रम्प ने एक अन्य पोस्ट में दावा किया कि फोर्दो परमाणु ठिकाना “खत्म हो चुका है.”
जानिए क्यों शुरू हुआ इजरायल-ईरान तनाव!
ईरान-इजरायल संघर्ष तब और गहरा गया, जब इजरायल ने 13 जून को ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ के तहत ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमले शुरू किए. अमेरिका की इस प्रत्यक्ष भागीदारी ने क्षेत्रीय अस्थिरता को और बढ़ाने का जोखिम पैदा किया है.