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India Daily

Iran Israel Dispute: ईरान ने गाजा को लेकर नरसंहार के खात्मे का किया समर्थन, लेकिन ट्रंप के प्लान को लेकर क्यों जताई आशंका?

Iran Israel Dispute: ईरान ने गाजा को लेकर ट्रंप की शांति योजना का समर्थन करते हुए कहा कि किसी भी पहल का मकसद खूनखराबा खत्म करना होना चाहिए लेकिन तेहरान ने चेतावनी दी कि इस प्रस्ताव में खतरनाक पहलू भी हैं और इजरायल इसे बाधित कर सकता है. ईरान ने यह भी साफ कर दिया कि यूरोपीय देशों के साथ परमाणु वार्ता फिलहाल दोबारा शुरू नहीं होगी.

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Edited By: Km Jaya
ईरान इजराइल विवाद
Courtesy: @kdyadav9140 X Account

Iran Israel Dispute: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से गाजा के लिए प्रस्तुत की गई शांति योजना पर ईरान ने अपनी आधिकारिक प्रतिक्रिया दी है. ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघई ने कहा कि उनका देश किसी भी ऐसी पहल का समर्थन करता है, जो गाजा में चल रही हिंसा और निर्दोष लोगों की हत्या को खत्म कर सके. हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया कि इस योजना में कई खतरनाक पहलू छिपे हैं, जो भविष्य में गंभीर समस्याएं खड़ी कर सकते हैं.

ईरान ने जोर देकर कहा कि गाजा की स्थिति को लेकर किसी भी तरह का निर्णय लेने का अधिकार केवल फिलिस्तीनियों का है. बाघई ने कहा कि ईरान का रुख पूरी तरह स्पष्ट है और उनका उद्देश्य सिर्फ यही है कि गाजा में खूनखराबा और निर्दोष लोगों की मौत बंद हो. उन्होंने चेतावनी दी कि ट्रंप की यह पहल इजरायल के लिए नए अवसर पैदा कर सकती है और संभव है कि क्षेत्रीय तनाव और अधिक बढ़ जाए.

इस्माइल बाघई ने दी चेतावनी

बाघई ने अपने बयान में कहा कि ट्रंप की योजना में कुछ ऐसे बिंदु शामिल हैं, जो गाजा की मौजूदा परिस्थिति को और जटिल बना सकते हैं. उन्होंने इशारा किया कि इस तरह की किसी भी अंतरराष्ट्रीय योजना को बिना फिलिस्तीनियों की सहमति के लागू करना मुश्किल होगा. ईरानी प्रवक्ता ने यह भी कहा कि इजरायल इस प्रस्ताव का इस्तेमाल अपने हित साधने के लिए कर सकता है. इस वजह से उन्होंने चेतावनी दी कि इस योजना को लागू करने में अत्यधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है.

नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित

ईरान ने एक बार फिर अपने इस रुख को दोहराया कि गाजा में शांति तभी संभव है जब वहां हो रही हिंसा पर रोक लगे और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए. बाघई ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए और किसी भी ऐसे प्रयास को नाकाम करना चाहिए, जिससे इजरायल को अनुचित लाभ मिले. इस मौके पर ईरानी प्रवक्ता ने परमाणु समझौते पर भी बयान दिया. उन्होंने कहा कि ईरान का फिलहाल उन यूरोपीय देशों के साथ बातचीत करने का कोई इरादा नहीं है, जिन्होंने हाल ही में तेहरान पर नए प्रतिबंध लगाए हैं. बाघई ने स्पष्ट किया कि ईरान न तो फ्रांस, न जर्मनी और न ही ब्रिटेन के साथ इस समय परमाणु वार्ता शुरू करेगा.

प्रतिबंधों के नतीजों और प्रभावों का आकलन

उन्होंने कहा कि ईरान इस समय लगाए गए प्रतिबंधों के नतीजों और उनके प्रभावों का आकलन कर रहा है. बाघई ने यह भी जोड़ा कि पश्चिमी देशों द्वारा लगाई गई पाबंदियों का उद्देश्य ईरान को दबाव में लाना है, लेकिन तेहरान किसी भी कीमत पर झुकेगा नहीं. ईरान का मानना है कि अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की नीतियां क्षेत्र में अस्थिरता को और बढ़ा रही हैं. ईरान का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब गाजा में लगातार हिंसा और संघर्ष जारी है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति बहाल करने की कोशिशें तेज हो गई हैं.