Iran Oil Trade: अमेरिकी प्रतिबंधों से भारतीय उद्योग जगत में हलचल, भारत की इन 6 कंपनियों पर बैन
अमेरिका ने ईरान के साथ कथित अवैध पेट्रोकेमिकल व्यापार को लेकर भारत की छह कंपनियों सहित कई वैश्विक कंपनियों पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं. इन कंपनियों पर करोड़ों डॉलर के ईरानी उत्पादों के आयात का आरोप है. प्रतिबंधों के तहत उनकी अमेरिकी संपत्तियां फ्रीज़ कर दी गई हैं और लेनदेन पर रोक लगाई गई है.
Iran Oil Trade: अमेरिका ने ईरान के साथ अवैध पेट्रोकेमिकल और तेल व्यापार में लिप्त होने के आरोप में दुनियाभर की कई कंपनियों पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं, जिनमें भारत की छह कंपनियां भी शामिल हैं. अमेरिकी विदेश विभाग ने बुधवार को इन प्रतिबंधों की घोषणा की और कहा कि यह कदम ईरान की अस्थिर गतिविधियों को आर्थिक रूप से कमजोर करने की दिशा में उठाया गया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिन भारतीय कंपनियों पर कार्रवाई हुई है, उनमें Kanchan Polymers, Alchemical Solutions Pvt Ltd, Ramniklal S Gosalia and Company, Jupiter Dye Chem Pvt Ltd, Global Industrial Chemicals Ltd. और Persistent Petrochem Pvt. Ltd. के नाम शामिल हैं. इन कंपनियों पर जनवरी 2024 से जनवरी 2025 के बीच ईरानी मूल के मेथनॉल, टोल्यून और पॉलीइथिलीन जैसे रसायनों के आयात का आरोप है.
ईरानी पेट्रोकेमिकल उत्पाद का आयात
अमेरिकी विदेश विभाग के अनुसार, ये कंपनियां "ईरान की अस्थिर गतिविधियों के लिए अवैध फंडिंग" में मदद कर रही थीं. रिपोर्ट के मुताबिक, Kanchan Polymers ने UAE स्थित बिचौलिए Tanais Trading के माध्यम से $1.3 मिलियन का ईरानी पॉलीइथिलीन खरीदा. Alchemical Solutions ने विभिन्न स्रोतों से $84 मिलियन से अधिक मूल्य के ईरानी पेट्रोकेमिकल उत्पाद आयात किए, जिससे वह इस सूची में सबसे बड़े उल्लंघनकर्ताओं में एक बनी.
अमेरिका ने लगाए प्रतिबंध
Jupiter Dye Chem ने $49 मिलियन मूल्य के टोल्यून सहित ईरानी पेट्रोकेमिकल आयात किए, जबकि Global Industrial Chemicals ने $51 मिलियन से अधिक के मेथनॉल और अन्य उत्पाद मंगवाए. Persistent Petrochem Pvt. Ltd. पर $14 मिलियन मूल्य के ईरानी रसायनों को UAE की Bab Al Barsha Trading LLC के माध्यम से आयात करने का आरोप है. इस UAE आधारित कंपनी पर भी अमेरिका ने प्रतिबंध लगाए हैं.
कंपनियों की अमेरिका में स्थित
इन प्रतिबंधों के तहत इन कंपनियों की अमेरिका में स्थित संपत्तियों और अमेरिकी नियंत्रण में किसी भी संपत्ति को फ्रीज कर दिया गया है. इसके अलावा, अमेरिकी नागरिक और कंपनियां इनसे किसी भी प्रकार के लेनदेन नहीं कर सकतीं, जब तक कि विशेष अनुमति न मिल जाए.
कंपनियों के व्यवहार में बदलाव
हालांकि, अमेरिकी विदेश विभाग ने स्पष्ट किया कि इन प्रतिबंधों का उद्देश्य दंड देना नहीं, बल्कि कंपनियों के व्यवहार में सकारात्मक बदलाव लाना है. फिलहाल, इन भारतीय कंपनियों ने इस अमेरिकी कार्रवाई पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है.