INS Vikrant ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान कराची बंदरगाह पर हमला करने के लिए था तैयार, डर के मारे बाहर नहीं निकली थी पाकिस्तानी नौसेना
Sources said INS Vikrant blocked the Karachi port during Operation Sindoor: सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर आ रही है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आईएनएस विक्रांत, ब्रह्मोस से लैस युद्धपोतों, पनडुब्बियों ने पाकिस्तान के कराची बंदरगाह को ब्लॉक किया था.

Sources said INS Vikrant blocked the Karachi port during Operation Sindoor: इंडिया टूडे की रिपोर्ट के अनुसार ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आईएनएस विक्रांत, ब्रह्मोस से लैस युद्धपोतों, पनडुब्बियों ने पाकिस्तान के कराची बंदरगाह को ब्लॉक किया था. हालांकि, अभी पूर्ण रूप से हम इस खबर की पुष्टि नहीं कर रहे हैं.
सूत्रों के अनुसार, समुद्री तैयारियों में उल्लेखनीय वृद्धि करते हुए भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 36 अग्रिम पंक्ति की नौसेना संपत्तियों को तैनात किया - यह 1971 में कराची को निशाना बनाकर किए गए अभियानों के दौरान तैनात किए गए छह युद्धपोतों के बिल्कुल विपरीत है. इस कदम ने निवारण और परिचालन तैयारियों का एक शक्तिशाली संदेश दिया. पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर तीन-आयामी दबाव की रणनीति शुरू की.
नौसेना को हाई अलर्ट पर रखा गया
भारतीय नौसेना ने पश्चिमी समुद्री सीमा पर एक बड़ा अभियान चलाया जिसमें सात विध्वंसक (डिस्ट्रॉयर) तैनात किए गए थे. ये जहाज़ ब्रह्मोस मिसाइल, मीडियम रेंज सर्फेस-टू-एयर मिसाइल (MRSAM) और वरुणास्त्र हैवीवेट टॉरपीडो से लैस थे. ये जहाज़ सतह, हवा और पानी के अंदर से आने वाले खतरों से निपटने में सक्षम हैं.
साथ ही, सात स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट्स भी तैनात की गईं, जिनमें नया शामिल हुआ INS तुशील भी था. ये सभी मिलकर भारत की ओर से समुद्र में एक मजबूत सुरक्षा दीवार की तरह खड़े थे.
समुद्र के नीचे लगभग छह पनडुब्बियाँ भी गुप्त रूप से काम कर रही थीं, जिससे भारत की समुद्री ताकत और ज्यादा मजबूत हो गई. इसके अलावा फास्ट अटैक क्राफ्ट्स और मिसाइल बोट्स ने भी इस ऑपरेशन में भाग लिया. कुल मिलाकर भारतीय नौसेना की लगभग 36 युद्धक जहाज़ों की तैनाती हुई थी, जो पाकिस्तान की नौसेना (जिसके पास 30 से भी कम जहाज़ हैं) से ज्यादा थी.
डर के मारे बाहर नहीं निकली पाकिस्तान की नौसेना
रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान की नौसेना कराची बंदरगाह से बाहर नहीं निकल पाई, क्योंकि भारतीय नौसेना की मौजूदगी बहुत भारी थी. तनाव की स्थिति के कारण अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक जहाज़ों ने भी कराची के पास के रास्ते बदल लिए.
यह सब कुछ "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत हुआ, जो भारत ने 7 मई को पहलगाम हमले का बदला लेने के लिए शुरू किया था. उस हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें ज़्यादातर पर्यटक थे. इसके बाद दोनों देशों के बीच सैन्य कार्रवाई हुई. 8 मई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी दलों की बैठक में बताया कि भारत की ओर से किए गए हमलों में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में लगभग 100 आतंकवादी और उनके साथी मारे गए.
INS विक्रांत ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कराची पर हमला करने के लिए था तैयार
भारत की समुद्री तैयारियों में एक बड़ा कदम उठाते हुए, भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 36 बड़े नौसैनिक जहाज़ों को तैनात किया. यह 1971 में कराची पर हमले के समय तैनात किए गए केवल 6 युद्धपोतों की तुलना में बहुत बड़ा बदलाव है. इससे भारत ने अपनी ताकत और तैयारियों का सख्त संदेश दिया है.
हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, भारत ने पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए तीन तरफा रणनीति अपनाई. नौसेना को हाई अलर्ट पर रखा गया, जिससे पाकिस्तान ने NAVAREA चेतावनी जारी कर दी, क्योंकि उन्हें किसी नौसैनिक हमले की आशंका थी.
इस पूरी कार्रवाई के केंद्र में था INS विक्रांत (विमानवाहक पोत), जिसके साथ 8 से 10 युद्धपोत अरब सागर में आगे तैनात किए गए. यह भारतीय नौसेना की सबसे बड़ी वास्तविक (non-exercise) तैनाती में से एक थी.
इसमें शामिल थे
7 विध्वंसक पोत (Destroyers) – जो ब्रह्मोस मिसाइल, मीडियम-रेंज सतह-से-हवा मिसाइल (MRSAM) और वरुणास्त्र भारी टॉरपीडो से लैस थे. ये पानी, हवा और समुद्र के नीचे से आने वाले खतरों से निपट सकते हैं.
7 स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल फ्रिगेट्स, जिनमें नया शामिल हुआ INS तुशील भी था. ये सभी पश्चिमी तट के पास एक मजबूत नौसैनिक सुरक्षा दीवार
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