menu-icon
India Daily

‘जानवरों की तरह सलूक किया गया…’ रूस में फंसे भारतीय पर्यटक ने लगाई मदद की गुहार

Indian Tourist Russia: अमित तंवर नाम के एक भारतीय पर्यटक ने हाल ही में 12 अन्य भारतीय यात्रियों के साथ रूस के मॉस्को की यात्रा कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने एक बेहद ही निराशाजनक एक्सपीरियंस को शेयर किया. 

auth-image
Edited By: Shilpa Srivastava
Indian Tourist Russia

Indian Tourist Russia: अमित तंवर नाम के एक भारतीय पर्यटक ने हाल ही में 12 अन्य भारतीय यात्रियों के साथ रूस के मॉस्को की यात्रा कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने एक बेहद ही निराशाजनक एक्सपीरियंस को शेयर किया. इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट में, उन्होंने बताया कि उनके ग्रुप के नौ लोगों को रूसी इमिग्रेशन अधिकारियों ने बिना कारण बताए घंटों तक रोके रखा. उन्होंने इस व्यवहार को अमानवीय बताया और मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास समेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मदद की गुहार लगाई. 

तंवर ने बताया कि 8 जुलाई को मॉस्को पहुंचते ही सब कुछ गड़बड़ होने लगा. हालांकि, उनके पास वैध पासपोर्ट और वीजा थे, फिर भी ग्रुप के 13 लोगों में से केवल तीन को ही देश में एंट्री दी गई. बाकी नौ लोगों को इमिग्रेशन अधिकारियों ने बिना किसी कारण के रोक लिया.

लोगों से रूसी अधिकारियों ने छीने पासपोर्ट: 

उन्होंने बताया कि उनके पासपोर्ट छीन लिए गए और उन्हें अधिकारियों के पीछे चलने को कहा गया. ग्रुप के लोगों को एक कोने में बैठने को कहा गया, जहां अन्य भारतीय यात्री भी इंतजार कर रहे थे. लगभग एक घंटे बाद, उन्हें दूसरे कमरे में ले जाया गया. यहां उनके मोबाइल फोन को चेक किया गया. अधिकारियों ने 10-15 मिनट तक उनकी तस्वीरें, इंटरनेट सर्च हिस्ट्री और यूट्यूब एक्टिविटी चेक की.

अधिकारियों ने उन्हें बताया कि उन्हें वापस भेज दिया जाएगा या फिर निर्वासित कर दिया जाएगा. ये अधिकारी रूसी भाषा में ही बात कर रहे थे. तंवर ने बताया कि उन्हें एक छोटे से, भीड़-भाड़ वाले कमरे में रखा गया था, जिसकी हालत बहुत खराब थी. उस कमरे में कुछ लोग कथित तौर पर दो-तीन दिन से फंसे हुए थे. उन्हें वापस क्यों भेजा जा रहा था, इसका कोई कारण नहीं बताया गया. यह प्रक्रिया काफी स्लो चली और एक बार में केवल एक या लोगों को ही वापस भेजा जा रहा था. 

उन्होंने यह भी दावा किया कि उन्हें भारत वापस जाने के लिए अपनी फ्लाइट बुक करने की इजाजत नहीं दी गई. वो करने से और बोलने से भी डर रहे थे. इसके बाद उन्हें बाकू, अजरबैजान के रास्ते वापस भेज दिया गया. तंवर को डर है कि ऐसा अन्य भारतीय यात्रियों के साथ भी हो सकता है.