नई दिल्ली: भारतीय मूल के नेता और डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट जोहरान ममदानी की न्यूयॉर्क के मेयर चुनाव में ऐतिहासिक जीत के बाद इजरायल में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. इजरायली अधिकारियों और मीडिया ने इस जीत को अमेरिकी राजनीति में इजरायल के प्रति बदलते रुख का संकेत बताया है. ममदानी की जीत के बाद कई इजरायली नेताओं ने उन्हें 'इजरायल विरोधी' और 'यहूदी-विरोधी' तक कह दिया है.
34 वर्षीय ममदानी खुले तौर पर इजरायल की नीतियों के आलोचक हैं. उन्होंने गाजा में इजरायली हमलों को नरसंहार कहा है और यहां तक कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के न्यूयॉर्क आने पर उनकी गिरफ्तारी की बात भी कही है. ममदानी का कहना है कि वह किसी भी ऐसी व्यवस्था का समर्थन नहीं करते जो किसी धर्म या जाति को दूसरों पर प्राथमिकता दे.
उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इजरायल के नेतन्याहू और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक ही श्रेणी में रखा है. ऐसे नेता जिन्हें वह 'हिंसक और विभाजनकारी' मानते हैं. इजरायल के राजनयिकों और दक्षिणपंथी नेताओं ने ममदानी की जीत को खतरनाक बताया है. इजरायल के संयुक्त राष्ट्र राजदूत डैनी डैनन ने कहा कि न्यूयॉर्क की यहूदी समुदाय की सुरक्षा भावना अब खतरे में पड़ सकती है क्योंकि मेयर पुलिस बल के नियंत्रण में रहते हैं.
वहीं, इजरायल के प्रवासी मामलों के मंत्री अमिचाई चिकली ने सोशल मीडिया पर ममदानी के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट साझा की, जिसमें 9/11 हमले की तस्वीर के साथ लिखा था 'न्यूयॉर्क सब भूल गया.' उन्होंने यह भी कहा कि 'न्यूयॉर्क ने अपनी चाबी हमास समर्थक के हवाले कर दी है' और यहूदी समुदाय से इजरायल लौटने की अपील की.
दूसरी ओर, ममदानी ने अपने भाषण में कहा कि वह यहूदी न्यूयॉर्कवासियों के साथ खड़े रहेंगे और यहूदी विरोध का दृढ़ता से मुकाबला करेंगे. उन्होंने कहा कि वह ऐसा 'सिटी हॉल' बनाएंगे जो नफरत के खिलाफ मजबूती से खड़ा रहेगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक ममदानी को लगभग 30 प्रतिशत यहूदी मत मिले.
इजरायल की चिंता इस बात से भी है कि न्यूयॉर्क शहर हमेशा से इजरायल से सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से जुड़ा रहा है. यहां बड़ी यहूदी आबादी रहती है और यह इजरायली नेताओं के लिए एक अहम केंद्र रहा है. वहीं, फिलिस्तीन के कब्जे वाले वेस्ट बैंक में ममदानी की जीत को 'नई उम्मीद' के रूप में देखा जा रहा है. फिलिस्तीनी नेता मुस्तफा बरघूती ने कहा कि यह नतीजा अमेरिकी युवाओं में अन्याय के खिलाफ उठ रही नई सोच को दर्शाता है.