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फिलीपींस के ब्रह्मोस से हिला चीन! भारत ने कुछ इस तरह बदल दिया पूरा गेम

फिलीपींस ने भारतीय-निर्मित ब्रह्मोस सुपरसोनिक एंटी-शिप मिसाइल बैटरी सार्वजनिक कर दक्षिण चीन सागर में सामरिक संतुलन बदलने का संकेत दिया है. यह तैनाती चीन के समुद्री दबदबे को चुनौती देती है.

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Edited By: Babli Rautela
Philippine Brahmos Missile -India Daily
Courtesy: X

नई दिल्ली: फिलीपींस की मरीन कॉर्प्स ने पश्चिमी लुजोन के जाम्बालेस में पहली ब्रह्मोस मिसाइल बैटरी सार्वजनिक कर दी है. सार्वजनिक हुई तस्वीरों और वीडियो में मोबाइल लॉन्चर, रडार वाहन, मिसाइल रीलोडर और कमांड वाहन साफ दिखाई दे रहे थे. इस तैनाती से फिलीपींस की तटीय रक्षा क्षमता में मजबूती आई है और उसने समुद्री दावों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने का संकेत दे दिया है.

ब्राह्मोस मिसाइल का मुकाबला करने में कठिन माना जाता है. इसकी रेंज लगभग 290 किलोमीटर है और यह सुपरसोनिक गति से हिट कर सकती है. जाम्बालेस से तैनाती का मतलब यह है कि फिलीपींस अब स्कारबोरो शोअल और लुजोन स्ट्रेट जैसे महत्वपूर्ण जलमार्गों को कवर कर सकता है. ब्रह्मोस जैसी मिसाइलें किसी भी दुश्मन के जहाज या आपूर्ति शृंखला को सीधे निशाना बनाकर क्षतिग्रस्त कर सकती हैं. ऐसे में फिलीपींस ने अपनी समुद्री रोकथाम क्षमता बढ़ा दी है.

दक्षिण चीन सागर में राजनीतिक और सामरिक असर

हाल के महीनों में स्कारबोरो शोअल के आसपास गतिविधियों और चीन के नेचर रिजर्व घोषणाओं से मनीला और बीजिंग के बीच तनातनी बढ़ी है. ऐसे में ब्रह्मोस की तैनाती सिर्फ सैन्य कदम नहीं है, बल्कि यह एक स्पष्ट राजनीतिक संदेश भी है. इससे पता चलता है कि फिलीपींस अपने आर्थिक क्षेत्र और समुद्री अधिकारों की रक्षा के लिए दृढ़ता से आगे बढ़ रहा है. यह कदम क्षेत्र के अन्य देशों को भी अपनी रक्षा क्षमताओं पर ध्यान देने के लिए प्रेरित कर सकता है.

पाकिस्तान के खिलाफ ब्रह्मोस का अनुभव

मई के संघर्ष के दौरान ब्रह्मोस के प्रयोग ने पाकिस्तान के कुछ एयर डिफेंस सिस्टम को चुनौती दी थी. उस घटनाक्रम ने यह संदेश दिया कि कई मौजूदा एयर डिफेंस सेटअप सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों के लिए कटप्रूफ नहीं हैं. यह अनुभव बीजिंग के लिए चिंताजनक है क्योंकि क्षमतावान मिसाइलों की तैनाती से चीन के समुद्री दबदबे को चुनौती मिल सकती है.

भारत और फिलीपींस के बीच 2022 में ब्रह्मोस के लिए करीब 375 मिलियन डॉलर का सौदा हुआ था. इस सौदे के तहत तीन बैटरियों की आपूर्ति का प्रावधान है और भारत ने समय के साथ डिलीवरी शुरू कर दी थी. रिपोर्ट्स यह भी संकेत देती हैं कि फिलीपींस और अन्य दक्षिण पूर्व एशियाई देश और ऑर्डर बढ़ाने में रुचि दिखा रहे हैं. इससे भारत की रक्षा निर्यात क्षमता और क्षेत्रीय रणनीतिक भागीदारी को बढ़ावा मिलता है.