India Pakistan Tension: 8 मई की रात पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में किए गए हमलों के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव ने नया मोड़ ले लिया है. इन हमलों के जवाब में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई अहम ठिकानों पर जोरदार पलटवार किया है. खास बात यह है कि भारत की कार्रवाई में पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद के पास स्थित आईएसआई मुख्यालय के आसपास के इलाके भी निशाने पर रहे.
पाकिस्तान की पहली कार्रवाई के बाद भारत का बड़ा जवाब
बता दें कि गुरुवार देर रात पाकिस्तान ने भारतीय क्षेत्रों पर मिसाइल और ड्रोन से हमले किए. जवाबी कार्रवाई में भारत ने अपने एडवांस्ड S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम के जरिए सभी incoming हथियारों को नष्ट कर दिया और तत्परता से पाकिस्तान के कई बड़े शहरों में जवाबी हमले किए. सेना की ओर से चलाए गए ऑपरेशनों में कराची, लाहौर और रावलपिंडी जैसे शहरों में पाकिस्तान की सैन्य और खुफिया गतिविधियों पर निशाना साधा गया.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की सक्रियता
वहीं भारत सिर्फ सैन्य मोर्चे पर ही नहीं, बल्कि कूटनीतिक स्तर पर भी पूरी तरह सक्रिय है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका सहित 10 देशों के विदेश मंत्रियों से बातचीत की है. उन्होंने एक ट्वीट में बताया कि उन्होंने यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों से भी चर्चा की और भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को दोहराया. जयशंकर ने अमेरिका के सहयोग की सराहना की और कहा कि "आतंकवाद को लेकर कोई समझौता नहीं होगा, पाकिस्तान की ओर से कोई भी अतिरिक्त उकसावे की कार्रवाई हुई तो उसे माकूल जवाब मिलेगा."
Discussed ongoing developments with EU HRVP @kajakallas .
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) May 8, 2025
India has been measured in its actions. However, any escalation will get a firm response.
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पाकिस्तान को अमेरिका की चेतावनी
इसके अलावा, अमेरिका ने भी इस पूरे घटनाक्रम पर चिंता जाहिर की है. उसने पाकिस्तान से स्पष्ट रूप से कहा है कि दक्षिण एशिया की स्थिरता से कोई खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अमेरिका ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है.
दिल्ली में रक्षा मंत्रालय की उच्चस्तरीय बैठक
हालांकि, हालात की गंभीरता को देखते हुए आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) और तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद रहेंगे. सैन्य रणनीति और आगे की कार्रवाई पर इसमें अहम फैसले लिए जाएंगे.