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'भारत के साथ स्पेशल है हमारी दोस्ती', बोले अफ्रीकी राजदूत

India South Africa Relation: भारत में दक्षिण अफ्रीका के नए उच्चायुक्त अनिल सूकलाल ने कहा है कि दोनों देशों की दोस्ती बहुत स्पेशल है. यह दोस्ती ग्लोबल ऑर्डर को नई दिशा दे सकती है. हम अपने संबंधों को और बेहतर बनाने और ऊंचाई पर ले जाने के लिए काम करेंगे.

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Edited By: India Daily Live
India South Africa Relation
Courtesy: Social Media

India South Africa Relation: भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच की दोस्ती स्पेशल है. दोनों देशों के संबंध विशेष हैं., इनमें हर स्तर पर संभावनाएं हैं. यह बातें भारत में अफ्रीकी देश के नवनियुक्त उच्चायुक्त अनिल सूकलाल ने कही हैं. इसके अलावा उन्होंने उम्मीद जताई कि दोनों देश वैश्विक मंच पर नेतृत्व प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. भारत में दक्षिण अफ्रीका के उच्चायुक्त नियुक्त होने वाले वह पहले शख्स हैं. 

एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका और भारत के बीच विशेष संबंध हैं और मैं बहुत गौरवान्वित और वास्तव में बहुत भाग्यशाली महसूस करता हूं कि मुझे हमारे संबंधों के इतिहास के सबसे दिलचस्प समय में भारत में मुझे अपने देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया है.उन्होंने कहा कि इस विशेष संबंध को दिवंगत राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला ने उजागर किया था.

बेहतर होंगे दोनों देशों के संबंध 

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारत और दक्षिण अफ्रीका ने विश्व की चुनौतियों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. सूकलाल ने कहा कि जीवंत लोकतंत्रों के रूप में, मौलिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों में विश्वास रखने वाले देशों के रूप में, मेरा मानना ​​है कि हम वैश्विक मंच पर नेतृत्व प्रदान कर सकते हैं. हम दोनों देशों के संबंधों को और ऊंचाई पर लेकर जाना चाहते हैं. 

आशा का प्रतीक बनेगा मंदिर 

सूकलाल ने कहा कि दोनों देशों के संबंधों में हर स्तर पर बहुत संभावनाएं हैं. मुझे उम्मीद है और पूरा विश्वास है कि जोहान्सबर्ग में मंदिर का निर्माण इस संबंध में एक महत्वपूर्ण बिंदु होगा. सूकलाल जोहान्सबर्ग के शहर नॉर्थ राइडिंग में बनाए जा रहे सबसे बड़े मंदिर का जिक्र कर रहे थे. उन्होंने कहा कि यह हमारे दो महाद्वीपों  अफ्रीका और एशिया के बीच अंतर-सांस्कृतिक संबंधों का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि यह वैश्विक संकटों के इस युग में आशा का प्रतीक भी बनेगा. सूकलाल ने बताया कि वे उन भारतीयों के वंशज हैं जो 1893 में दक्षिण अफ्रीका आए थे और गुलामी जैसी कठिन परिस्थितियों में श्वेत किसानों के स्वामित्व वाले गन्ना बागानों में गिरमिटिया मजदूर के रूप में काम करते थे.