'दोहा हमला कतर की संप्रभुता का उल्लंघन', इजरायल को भारत ने UN में फिर दिया झटका, हमले को बताया शांति और स्थिरता के लिए खतरा

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में भारत ने कतर पर इजरायल के हवाई हमले की निंदा की और इसे 'कतर की संप्रभुता का उल्लंघन' बताया. भारत ने कहा कि यह कदम शांति और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा है और दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की.

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Kuldeep Sharma

इजरायल द्वारा दोहा (कतर) में किए गए हवाई हमले को लेकर भारत ने कड़ा रुख अपनाया है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में भारत के राजनयिक अरिंदम बागची ने स्पष्ट कहा कि कतर की संप्रभुता का उल्लंघन अस्वीकार्य है. उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे हमले पूरे क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता को हिला सकते हैं.

भारत ने इजरायल की कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा कि संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान होना चाहिए. अरिंदम बागची ने कहा कि भारत हमेशा बातचीत और कूटनीति के जरिये विवादों को सुलझाने का पक्षधर रहा है. उन्होंने कहा, 'किसी भी प्रकार की हिंसा और तनाव को बढ़ावा देने वाले कदमों से बचना चाहिए. हम शांति और सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और किसी भी तरह के आतंकवाद का विरोध करते हैं.' भारत ने यह भी दोहराया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मिलकर शांति की दिशा में काम करना चाहिए.

इजरायल का दावा और अमेरिका की भूमिका

इजरायल ने दावा किया कि दोहा में किया गया हमला पूरी तरह से उसकी 'स्वतंत्र कार्रवाई' थी और इसमें किसी अन्य देश का हाथ नहीं था. प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा कि यह हमला हमास के शीर्ष नेताओं को निशाना बनाने के लिए किया गया. हालांकि, बाद में ट्रंप प्रशासन की ओर से बयान आया कि अमेरिका को इस हमले की जानकारी पहले से थी और कतर सरकार को इसकी सूचना दी गई थी. इस पर भी विवाद गहरा गया क्योंकि अमेरिका और कतर लंबे समय से करीबी सहयोगी माने जाते हैं.

कतर की नाराजगी और तीखा बयान

कतर ने इजरायल के दावों को पूरी तरह खारिज कर दिया और कहा कि इस हमले की पूर्व सूचना मिलने की खबरें 'बेबुनियाद' हैं. कतर सरकार ने इसे 'कायराना हमला' बताते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी और घोषणा की कि अब वह मध्यस्थता की भूमिका नहीं निभाएगा. कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी ने नेतन्याहू पर समय बर्बाद करने और पश्चिम एशिया क्षेत्र को अराजकता की ओर धकेलने का आरोप लगाया. उन्होंने चेतावनी दी कि इस हमले का जवाब क्षेत्रीय सहयोगी देश मिलकर देंगे.

क्षेत्रीय स्थिरता पर संकट

इस पूरे घटनाक्रम ने पश्चिम एशिया की स्थिरता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. भारत ने अपने बयान में स्पष्ट किया कि ऐसे कदम न केवल शांति प्रयासों को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर सकते हैं. भारत ने कतर और उसके नागरिकों के साथ एकजुटता जताते हुए कहा कि शांति और संवाद ही आगे का रास्ता है. यह घटनाक्रम इस बात का संकेत है कि क्षेत्रीय राजनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में तनाव और गहराने वाला है.