नई दिल्लीः संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख ने मंगलवार को कहा कि अफगानिस्तान के तालिबान शासन में अफगानी लोगों की स्वतंत्रता और मानवाधिकारों पर बड़ा हमला हुआ है. उन्होंने कहा कि तालिबान के शासन में महिलाएं और लड़कियां बेहद क्रूर उत्पीड़न का सामना कर रही हैं.
सदस्य देशों से मदद का आग्रह
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने कहा कि तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद अफगानिस्तान में मानवाधिकारों की स्थिति बेहद पतित अवस्था में पहुंच गई है. वोल्कर ने आगे कहा कि इससे निपटने के लिए यूएन सदस्य देशों को आगे आना होगा. उन्होंने सदस्य देशों से इससे निपटने में मदद का आग्रह किया है.
महिलाओं पर अत्याचार चौंकाने वाला
जिनेवा में हुए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक के दौरान वोल्कर ने कहा कि अफगानी महिलाओं और लड़कियों पर जिस तरह से अत्याचार किए जा रहे हैं वह बेहद ही चौंकाने वाले हैं. उन्होंने आगे कहा कि यहां महिलाओं और लड़कियों को उच्च और माध्यमिक शिक्षा से पूरी तरह वंचित किया जा चुका है.
अन्य देश न करें तालिबानी मामलों में हस्तक्षेप
यूएन की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि महिला एडवोकेट और न्यायाधीशों को काम करने से तालिबान में मना किया गया है जिस वजह से उनकी कानूनी प्रतिनिधित्व और न्याय तक पहुंच की क्षमता प्रभावित हुई है. तालिबानी फरमानों ने वैश्विक स्तर पर आक्रोश को बढ़ावा दिया है. तालिबान के सुप्रीम कमांडर हिबतुल्ला अखुंदजादा ने अन्य देशों से अफगान मामले में हस्तक्षेप न करने को कहा है.
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