यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध अब सिर्फ हथियारों और गोलियों तक सीमित नहीं रहा. तकनीक ने इस संघर्ष को बिल्कुल नया मोड़ दे दिया है. खासकर ड्रोन तकनीक और वीडियो गेम की रणनीतियों ने यूक्रेन की सेना को और भी सटीक, सक्रिय और प्रभावशाली बना दिया है. इस लड़ाई में यूक्रेन के सैनिकों को न केवल दुश्मन को हराने की जिम्मेदारी दी गई है, बल्कि उन्हें इसके लिए अंक और इनाम भी दिए जा रहे हैं. बिलकुल एक वीडियो गेम की तरह
यूक्रेन की सेना ने ड्रोन ऑपरेटरों के प्रदर्शन को मापने और उन्हें पुरस्कृत करने के लिए एक ‘स्कोरिंग सिस्टम’ लागू किया है. उदाहरण के तौर पर, अगर कोई ऑपरेटर रूस के सबसे उन्नत T-90M टैंक को तबाह करता है, तो उसे इतने अंक मिलते हैं कि उसकी यूनिट को 15 नए ड्रोन देने की पात्रता मिल जाती है. इसका सीधा फायदा यह होता है कि जो सैनिक ज्यादा प्रभावशाली हैं, उन्हें और बेहतर संसाधन मिलते हैं. यह प्रणाली न केवल सैनिकों में प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देती है, बल्कि दक्षता में भी इजाफा करती है.
यूक्रेन के डिजिटल परिवर्तन मंत्री मिखाइलो फेडोरोव ने इस पहल को “मिलिट्री के लिए अमेजन” की संज्ञा दी है. इसका मतलब है कि सैनिक यूनिटें अब अर्जित अंकों के आधार पर आवश्यक सैन्य उपकरण ऑनलाइन ऑर्डर कर सकती हैं. यह एक तरह की डिजिटल मार्केटप्लेस है, जहां यूनिटें युद्ध में अपनी कामयाबी के आधार पर जरूरत के सामान खुद चुन सकती हैं. इस नई प्रणाली से न केवल वितरण प्रक्रिया तेज हुई है, बल्कि यूनिटों की जरूरत के अनुसार व्यक्तिगत समाधान भी उपलब्ध हो रहे हैं.
इस तरह की प्रणाली ने पारंपरिक युद्ध शैली को पूरी तरह से बदल दिया है. अब युद्ध केवल बंदूकों और तोपों की लड़ाई नहीं रही, बल्कि यह डेटा, स्कोर और रणनीतिक तकनीक का खेल बनता जा रहा है. यूक्रेन ने यह दिखा दिया है कि कैसे सीमित संसाधनों के बावजूद तकनीक के सही इस्तेमाल से एक बड़ी सैन्य शक्ति का मुकाबला किया जा सकता है. इस बदलाव ने न केवल सैन्य क्षमताओं को मजबूत किया है, बल्कि सैनिकों के मनोबल और उत्साह को भी नई ऊंचाई दी हैं.