कितना खतरनाक होता है क्लस्टर बम, कैसे करता है काम?
क्लस्टर बम एक ऐसा हथियार है जो अपने लक्ष्य के ऊपर हवा में फटता है और उसमें से दर्जनों या सैकड़ों छोटे-छोटे विस्फोटक (बॉमलेट्स) छोड़ता है. ये बॉमलेट्स एक बड़े क्षेत्र में फैलकर विस्फोट करते हैं.

ईरान और इजरायल के बीच चल रहा सैन्य संघर्ष शुक्रवार, 20 जून 2025 को एक खतरनाक और विनाशकारी मोड़ पर पहुंच गया. दोनों देशों ने एक-दूसरे के खिलाफ मिसाइलों और ड्रोनों से तीव्र हमले किए, जिसने पूरे पश्चिम एशिया में तनाव को चरम पर पहुंचा दिया. इजरायल ने ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए, जबकि ईरान ने जवाबी कार्रवाई में क्लस्टर म्यूनिशन (क्लस्टर बम) से लैस बलिस्टिक मिसाइलें दागीं.
इनमें से एक मिसाइल ने इजरायल के बेर्शेबा शहर में स्थित सोरोका मेडिकल सेंटर को नुकसान पहुंचाया, जिसे इजरायल ने युद्ध अपराध करार दिया. यह पहला मौका है जब इस संघर्ष में क्लस्टर हथियारों का उपयोग हुआ, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है.
क्लस्टर बम क्या होता है?
क्लस्टर बम एक ऐसा हथियार है जो अपने लक्ष्य के ऊपर हवा में फटता है और उसमें से दर्जनों या सैकड़ों छोटे-छोटे विस्फोटक (बॉमलेट्स) छोड़ता है. ये बॉमलेट्स एक बड़े क्षेत्र में फैलकर विस्फोट करते हैं, जिससे व्यापक तबाही मचती है. इजरायल रक्षा बल (IDF) के अनुसार, ईरान द्वारा दागी गई एक मिसाइल का वारहेड लगभग 7 किलोमीटर की ऊंचाई पर फटा, जिससे करीब 20 बॉमलेट्स 8 किलोमीटर के दायरे में बिखर गए. प्रत्येक बॉमलेट में लगभग 2.5 किलोग्राम विस्फोटक था, जो छोटे रॉकेट के बराबर नुकसान पहुंचा सकता है.
हालांकि, इनमें से कई बॉमलेट्स विस्फोट नहीं हुए, जिससे ये जमीन पर लैंडमाइन की तरह खतरा बने हुए हैं. IDF ने नागरिकों को सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध मिसाइल अवशेष को न छूने की चेतावनी दी है. 2008 के क्लस्टर म्यूनिशन पर प्रतिबंध लगाने वाले अंतरराष्ट्रीय समझौते पर 112 देशों ने हस्ताक्षर किए हैं लेकिन ईरान और इजरायल इसका हिस्सा नहीं हैं.