Pakistan Terrorist Link: हिना रब्बानी ने आतंकी को बताया 'साधारण आदमी', ग्लोबल मीडिया पर हुआ शर्मनाक पल
Pakistan Terrorist Link: हिना रब्बानी खर ने अल जजीरा इंटरव्यू में हाफिज अब्दुर रऊफ को आम व्यक्ति बताया, लेकिन पाक सेना द्वारा जारी CNIC नंबर अमेरिका की आतंकी सूची से मेल खा गया. वायरल तस्वीर में रऊफ पाक सेना के अधिकारियों के साथ जनाजा पढ़ाते दिखे, जिससे पाकिस्तान की सफाई पर सवाल खड़े हो गए.

Pakistan Terrorist Link: पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खर एक बार फिर विवादों में हैं. उन्होंने अल जजीरा को दिए एक इंटरव्यू में उस वायरल तस्वीर पर सफाई दी जिसमें अमेरिका द्वारा घोषित वैश्विक आतंकी हाफिज अब्दुर रऊफ को पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक जनाजे की नमाज पढ़ाते हुए देखा गया था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खर ने उस तस्वीर को खारिज करते हुए कहा, “पाकिस्तान में लाखों अब्दुर रऊफ हैं.” उन्होंने दावा किया कि भारत गलत व्यक्ति की पहचान कर रहा है और यह आतंकी नहीं बल्कि एक साधारण व्यक्ति है।.
सामान्य पारिवारिक इंसान
हालांकि, इस दावे पर पाकिस्तान की सेना के प्रवक्ता, डीजी आईएसपीआर लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने भी यही बात दोहराई कि वह व्यक्ति एक "सामान्य पारिवारिक इंसान" और "पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग का एक वेलफेयर विंग अधिकारी" है लेकिन विवाद तब और बढ़ गया जब सेना द्वारा जारी उस व्यक्ति का CNIC नंबर अमेरिका के ट्रेजरी विभाग की ग्लोबल टेररिस्ट लिस्ट में मौजूद हाफिज अब्दुर रऊफ के विवरण से बिल्कुल मेल खा गया.
जनाजे को लेकर आशंका
तस्वीर में जो जनाजा दिखाया गया है जो 8 मई को पाकिस्तान के मुरिदके में हुआ था. यह जनाजा भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मारे गए आतंकियों का था. तस्वीर में पाकिस्तानी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल फैयाज हुसैन शाह और पंजाब पुलिस प्रमुख डॉ उस्मान अनवर भी उपस्थित थे. जनाजे की प्रक्रिया पूरी सैन्य सम्मान के साथ की गई, ताबूतों पर पाकिस्तानी झंडा लिपटा था और पूरा मिलिट्री प्रोटोकॉल दिखा.
पाकिस्तान के लिए बेहद शर्मनाक
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस तस्वीर को साझा करते हुए कहा, “हमने साफ कर दिया है कि 7 मई की सुबह के सभी हमले विशेष रूप से आतंकी ढांचों पर किए गए थे.” हिना रब्बानी की यह सफाई और पाकिस्तान की आधिकारिक स्थिति तब कमजोर पड़ी जब उनके द्वारा पेश किए गए तथ्यों ने ही उन्हें घेर लिया. अमेरिकी प्रतिबंध सूची और पाकिस्तान द्वारा पेश किए गए दस्तावेजों में पूरी समानता होने के कारण यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान के लिए बेहद शर्मनाक बन गया है.