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India Daily

हमास का यूटर्न, गाजा पीस डील पर हस्ताक्षर करने से किया इनकार! ट्रंप के प्रस्ताव को बताया बेतुका

हमास ने गाजा शांति समझौते पर हस्ताक्षर समारोह से दूरी बना ली है. संगठन ने डोनाल्ड ट्रंप की शर्तों- खासकर उसके सदस्यों के गाजा छोड़ने के प्रस्ताव को 'बेतुका' करार दिया है.

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Edited By: Kuldeep Sharma
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Courtesy: social media

Hamas refuses to join Gaza peace deal signing in Egypt: गाजा में चल रहे युद्ध को समाप्त करने की दिशा में डोनाल्ड ट्रंप की पहल को बड़ा झटका लगा है. फिलिस्तीनी उग्रवादी संगठन हमास ने मिस्र में होने वाले शांति समझौते के आधिकारिक हस्ताक्षर समारोह में शामिल न होने का ऐलान किया है.

संगठन ने ट्रंप के उस प्रस्ताव को 'बेतुका और अस्वीकार्य' बताया है, जिसमें उसके सदस्यों को गाजा छोड़ने की बात कही गई थी. हमास नेताओं ने साफ कर दिया है कि 'न तो वे गाजा छोड़ेंगे और न ही अपने अस्त्र समर्पित करेंगे.'

ट्रंप की शांति योजना पर हमास का तीखा विरोध

टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, हमास नेता होस्साम बदरान ने कहा कि किसी भी फिलिस्तीनी को, चाहे वह हमास का सदस्य हो या नहीं, अपनी भूमि से निकालने की बात 'बेतुकी और निरर्थक' है. उन्होंने बताया कि योजना के दूसरे चरण पर बातचीत बेहद कठिन होगी क्योंकि इसमें कई जटिल मुद्दे शामिल हैं. दरअसल, ट्रंप प्रशासन ने इस योजना के तहत हमास के शासन से हटने और उसके हथियार छोड़ने की शर्त रखी थी. लेकिन संगठन ने साफ कहा है कि निरस्त्रीकरण (disarmament) किसी भी हालत में संभव नहीं है.

दो साल बाद बंधकों की रिहाई और युद्धविराम लागू

ट्रंप की पहल के तहत शुक्रवार को इजराइल ने युद्धविराम की घोषणा की और गाजा के कुछ हिस्सों से अपनी सेना हटा ली. इससे विस्थापित परिवार अपने तबाह घरों की ओर लौटने लगे. हजारों फिलिस्तीनी पैदल, गाड़ियों और गधागाड़ियों से उत्तरी गाजा की ओर लौटे, जहां अब भी बमबारी के निशान बाकी हैं.

समझौते के पहले चरण में हमास को सोमवार दोपहर तक 47 बचे हुए इजराइली बंधकों (जीवित और मृत दोनों) को रिहा करना होगा, जिनमें एक ऐसा बंधक भी शामिल है जिसे 2014 से कैद में रखा गया है. इसके बदले में इजराइल 250 कैदियों को रिहा करेगा, जिनमें आजीवन कारावास भुगत रहे कुछ उग्रवादी भी शामिल हैं.

अमेरिका नहीं भेजेगा सैनिक, बनेगा बहुराष्ट्रीय टास्कफोर्स

गाजा में शांति बनाए रखने के लिए अमेरिका की अगुवाई में एक बहुराष्ट्रीय टास्कफोर्स गठित की जाएगी. इसमें मिस्र, कतर, तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों की सेनाएं शामिल होंगी, लेकिन अमेरिकी सैनिक गाजा में प्रवेश नहीं करेंगे. इस कदम को 'अमेरिकी उपस्थिति के बिना स्थायी निगरानी' की नीति कहा जा रहा है.

युद्ध में अब तक 67 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए

गाजा के हमास-नियंत्रित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक इजराइल की सैन्य कार्रवाई में 67,682 लोग मारे जा चुके हैं, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने 'विश्वसनीय' आंकड़ा बताया है. यह संघर्ष 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ था, जब हमास ने इजराइल पर हमला किया था. इस हमले में 1,219 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे. उसके बाद इजराइल ने गाजा में व्यापक सैन्य अभियान चलाया, जिसने इस इलाके को खंडहर में बदल दिया. अब जबकि युद्धविराम लागू है, यह देखना होगा कि ट्रंप की योजना मध्य पूर्व में शांति लाती है या नया विवाद खड़ा करती है.